tag:blogger.com,1999:blog-1391458401598680519.post656583679888794070..comments2024-03-10T13:53:01.916+05:30Comments on मेरे विचार मेरी अनुभूति: खुबसूरत भ्रम !कालीपद "प्रसाद"http://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1391458401598680519.post-75488483532663186542015-09-11T21:36:51.988+05:302015-09-11T21:36:51.988+05:30बहुत सुन्दर ,जीवन ऐसा ही है बहुत सुन्दर ,जीवन ऐसा ही है कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1391458401598680519.post-21864351326251887312015-09-11T19:37:53.358+05:302015-09-11T19:37:53.358+05:30खूबसूरत रचना खूबसूरत रचना Himkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1391458401598680519.post-39825801588390993272015-09-10T16:12:49.112+05:302015-09-10T16:12:49.112+05:30बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1391458401598680519.post-14359916252517133312015-09-10T16:12:41.699+05:302015-09-10T16:12:41.699+05:30बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1391458401598680519.post-57509443337270802012015-09-10T10:22:54.567+05:302015-09-10T10:22:54.567+05:30बेह्तरीन अभिव्यक्ति
ये जीबन यार ऐसा ही ,ये दुनिया...बेह्तरीन अभिव्यक्ति<br /><br />ये जीबन यार ऐसा ही ,ये दुनियाँ यार ऐसी ही<br />संभालों यार कितना भी आखिर छूट जाना है<br /><br />सभी बेचैन रहतें हैं ,क्यों मीठी बात सुनने को<br />सच्ची बात कहने पर फ़ौरन रूठ जाना है<br /><br />समय के साथ बहने का मजा कुछ और है प्यारे<br />बरना, रिश्तें काँच से नाजुक इनको टूट जाना है<br /><br />रखोगे हौसला प्यारे तो हर मुश्किल भी आसां है<br />अच्छा भी समय गुजरा बुरा भी फूट जाना है<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18391630430260559342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1391458401598680519.post-2669841542568324182015-09-09T23:48:50.701+05:302015-09-09T23:48:50.701+05:30आपका आभार डॉ रूपचंद्र शास्त्री जी | आपका आभार डॉ रूपचंद्र शास्त्री जी | कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1391458401598680519.post-59658351729046097112015-09-09T20:52:48.771+05:302015-09-09T20:52:48.771+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बृहस्पतिवार...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बृहस्पतिवार (10-09-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "हारे को हरिनाम" (चर्चा अंक-2094) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com