Thursday 19 June 2014

नौ रसों की जिंदगी !**


                                   



                

नौ रसों से भरा है यह प्रकृति,
गौर से देखो इस प्रकृति को  , 
रस-रंगों से ही सजीव है जीवन
भरपूर जिओ इस जिंदगी को,  
इस बात का करो अहसास प्रिये
यदि रस है सही संतुलन लिए ,
प्रकृति जितना सुन्दर है और है मधुर
जीवन यात्रा भी बनता है मधुर से सुमधुर
संतुलन जब रसों का बिगड़ता है
तन,मन ,जीवन में भूचाल आता है |
हर रस का जायका है अलग, अलग है प्रभाव
सामंजस्य सुखदायक,असंतुलन डालता कुप्रभाव
समझदारी से इन रसों का आश्वादन करना है
किसी एक से प्रेम,दुसरे से नफरत नहीं करना है|
‘भयानक’ भय का कारण है,साहस से भय भगाना है
‘वीर’ में गर ज्ञान हो तो ,विजय पाना आसान  है
सफलता-असफलता,सुख-दुःख ,जीवन का अंग है
दुःख में ‘करुणा’ प्रबल है,सुख में ‘हास्य’ परिहास है|
‘रौद्र’ रूप, गुस्सा है दो धारी तलवार,इससे बचना है
प्रेम–धागा को काटता और गृहशांति को बलि चढ़ाता है
निवेदन करता हूँ प्रिये ,मेरा अनुरोध तुम रखना
जीवन के ऊँच नीच में मुझे ‘वीभत्स’ रूप ना दिखाना|
छोडो गुस्सा,रोना धोना ,हंसो खिलो फूलों की तरह
छोटो पर स्नेह का वर्षा करो,मुझ पर प्रेम का अनुग्रह
'श्रृंगार' मुझे बहुत प्रिय है ,खूब सजो सवारों जी भर कर
शान्ति का अहसास होता है,तुम्हे यूँ सजे संवरे देख कर |
मन की शान्ति ,तन की शान्ति, 'शान्त' हो धर बाहर
तुम्ही हो हास्य ,प्रेम ,शांति स्वरूपा ,मेरे मन के अन्दर
जीवन की है यही नियति ,कभी हँसना कभी है रोना
अचानक करवट लेती है जिंदगी ,इसमें आश्चर्य ना होना |
जैसे मोड़ ले जिंदगी वैसे ही उसे स्वीकार करना
जैसे बयार बहे प्रकृति में ,वैसे ही जीवन को ढालना ,

                                                          
चार दिवार का मकान हो या हो उजड़ा उपवन
बहती है जब प्रेम की बयार ,वन जाता है वह शांति वन |  


17 comments:

  1. बहुत ही खुबसूरत अनुभूति-
    अच्छा प्रगटीकरण
    सादर

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  2. बहुत ही सुन्दर और प्रभावी प्रस्तुति,सादर।

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  3. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (20.06.2014) को "भाग्य और पुरषार्थ में संतुलन " (चर्चा अंक-1649)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, वहाँ पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।

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    1. आपका आभार राजेन्द्र कुमार जी !

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  4. उम्दा रचना
    अद्धभुत अभिव्यक्ति

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  5. प्राकृति का हर रंग जीवन में उतरता है किसी न किसी समय ....
    भावपूर्ण रचना ...

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  6. बहुत ही सुन्दर प्रकृति का रूप:)

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  7. बहुत सुन्दर भाव और चित्र के साथ अभिव्यक्ति .... !!

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  8. बहुत ख़ूबसूरत प्रस्तुति...

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  9. सुन्दर सन्देश शुभकामनाएं...

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  10. नवरस धार ज़िंदगी

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  11. नवरस का आनंद देती सुन्दर कविता !

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  12. सृष्टि के नौ रूपों का अद्भुत वर्णन किया है ,बहुत सुन्दर

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  13. सुंदर, प्रभावी प्रस्तुतिकरण !

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