भ्रष्टाचार का बेल
सारे देश में फ़ैल गई
जन-नेता पर से जनता
की आस्था टूट गई
हर क्षेत्र में
भ्रष्टाचार बन गया नासूर कैंसर
पाखंडी धर्म गुरुओं
के चंगुल में जनता आ गई |
चाँद तारों की चमक
है, सूर्य के आने तक
यार दोस्तों का
भरमार है, जेब भरी है जब तक
रिश्ते-नाते,
धन-दौलत का भरपूर उठाओ आनंद
इनका साथ रहेगा केवल
शमशान जाने तक |
कालीपद 'प्रसाद'