प्यार की धुन बजाता जायगा
राज़ जीवन का सुनाता
जायगा |
पल दो पल की जिंदगी
होगी यहाँ
दोस्ती सबसे निभाता
जायगा |
बाँटता जाएगा
मोहब्बत सदा
दोस्त दुश्मन को
बनाता जायगा |
पेट खुद का चाहे हो
खाली मगर
खाना भूखों को
खिलाता जायगा |
ले धनी का साथ अपनी राह में
मुफलिसों को भी
मिलाता जायगा |
छोड़ नफरत द्वेष
हिंसा औ घृणा
प्रेम मोहब्बत
सिखाता जायगा |
उस फरिस्ते की
प्रतीक्षा है अभी
स्वर्ग धरती को
बनाता जायगा |
© कालीपद ‘प्रसाद’