शक्तिहीन शव से शक्तिपुंज शिव का गुण अनन्त है, जिसे ना गिना जा सकता है ना नापा जा सकता है l यह तो पुष्प की कुछ पंखुड़ियां अर्पित करने का प्रयास मात्र है l
ॐ नम: शिवाय !!!
किसी ने तुम्हे देखा नहीं
तुम अदृश्य हो l
कोई तुम्हे छू सकता नहीं
तुम अस्पृश्य हो l
कोई तुम्हे सुन सकता नहीं
तुम अश्रब्य हो l
तुम क्या हो कभी कहा नहीं
तुम अव्यक्त हो l
किसी ने तुम्हे जाना नहीं
तुम अज्ञेय हो l
बिना जाने हम सब तुम्हे भजते हैं
इसीलिए तुम भगवान हो l
पल पल तुम साथ रहते हो
तुम निरंतर हो l
कण कण में तुम विद्यमान हो
तुम सर्वभूत हो l
सर्वशक्ति का आधार हो
तुम शक्तिश्रोत हो l
सर्वशक्ति तुम में निहित है
तुम सर्वशक्तिमान हो l
आग तुम्हे जला सकता नहीं
तुम अदाह्य हो l
जल तुम्हे भिगो सकता नहीं
तुम अनाद्र हो l
हवा तुम्हे सुखा सकता नहीं
तुम अशुष्क हो l
उत्पत्ति का आधार, भग-लिंग संगम हो
इसीलिए तुम भगवान हो l
कोई तुम्हारा शुरू( आदि )नहीं
तुम अनादि हो l
कोई तुम्हारा अंत नहीं
कोई तुम्हारा अंत नहीं
तुम अनन्त हो l
तुम्हारा नाश होता नहीं
तुम अविनाशी हो l
तुम कभी मरते नहीं
तुम मृत्युहीन(अमर्त्य ) हो l
सनातन ,नित्य ,कालजयी ,जिवंत हो
मानते है हम, तुम भगवान हो l
आधा नर आधी नारी हो
तुम अर्धनारीश्वर हो l
तुम शक्ति कल्पना से परे हो
तुम पराशक्ति हो l
आत्मा पर नियंत्रण करते हो
तुम परमात्मा हो l
आकार ,प्रकृति मुक्त हो
तुम निराकार ,निर्गुण हो l
वैज्ञानिक कहते है ..तुम
क्रिया-प्रतिक्रिया का परिणाम हो
उत्पत्ति और विनाश क्षेत्र
हिग्स क्षेत्र हो l
अनन्त नाम देते है तुम्हे, हम नादान
भोली भाली भाषा में कहते तुम्हे भगवान
किन्तु तुम कौन हो, हे! अनजान ?
कालीपद 'प्रसाद'
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