कभी किसी से कुछ नहीं कहता आईना
चुप रहकर भी सबकुछ कह देता
है आईना !
बुरा हो या अच्छा हो ,सूरत
या सीरत
उसका हुबहू तस्वीर दिखा
देता है आईना !
आईना से कभी नहीं छुपता है
कोई झूठ
चेहरे की रंगत देख,तस्वीर खींच
देता है आईना !
गिरगिट सा हरघडी,कितना भी
रंग बदले मन
चेहरे पर हर रंग का अक्स
देख लेता है आईना !
भ्रम के चौराहे,भटकता मन देखता
है जब आईना
मन को सही रास्ता दिखा देता
है आईना |
घबराओ नहीं “प्रसाद” गर दिल
तुम्हारा सच्चा है
तस्वीर भी खुबसूरत दिखा
देता है आईना !
********************************
कालीपद “प्रसाद”
सर्वाधिकार सुरक्षित