Thursday 27 February 2020

कविता -दिल्ली क्यों जला रहा है ?

दिल्ली क्यों जल रहा है ? छुपके चुपके खामोश षड़यंत्र रचा जा रहां है, तिल-तिल आहत संविधान हिंसा द्वेष से प्रजातंत्र जल रहा है | प्रजा हित प्रमुख है या शासक का दम्भ ? यही ला रहा है धीरे से शांत समाज में भूकंप | शासन के लिए बहुमत अवश्य जरुरी है, सुशासन के लिए सशक्त विपक्ष भी जरुरी है | विपक्ष ही निरंकुश, झक्की शासक का अंकुश है, भोली-भाली जनता को आगे इसको समझना है | हर घर का एक वोट पक्ष में दुसरा वोट पड़े विपक्ष में, तभी प्रजा की हित होगी देश रहेगा सलामत में | निरंकुशता का फल आपातकाल या तानाशाही, भारत भुगत चुका आपातकाल और एकल राजशाही | धर्म, जाति, वर्ण के आढ़ में और खेल न खेलो, बदल गया है युग, यह कलि सच्चा विकास करो, देश संभालो | कालीपद 'प्रसाद'

4 comments:

  1. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर( 'लोकतंत्र संवाद' मंच साहित्यिक पुस्तक-पुरस्कार योजना भाग-१ हेतु नामित की गयी है। )

    'बुधवार' ०४ मार्च २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/


    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।


    आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'

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  2. Water Hack Burns 2lb of Fat OVERNIGHT

    Over 160 thousand men and women are trying a easy and secret "water hack" to burn 2 lbs each and every night in their sleep.

    It's proven and it works on everybody.

    This is how to do it yourself:

    1) Get a drinking glass and fill it up half the way

    2) And then do this strange HACK

    so you'll be 2 lbs lighter when you wake up!

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  3. वाह , बढ़िया अभिव्यक्ति !

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