जिंदगी में यही’ पल शाद आया
जश्न का वक्त कि जल्लाद आया |
कौन बेपीर ये’ बेदाद आया
ध्यान देना जरा’ उन्माद आया |
सब सितमगर मिले दुनिया में
मेहरबां देख खुदा याद आया |
और करना न शरारत बगां में
तीर लेके अभी’ सैय्याद आया |
चाह थी शाद मिले जीवन में
अजनबी ये दिले’ नाशाद आया |
शांति फैलाने’ ही’ आया गाँधी
गाँधी’ को मार उगरबाद आया |
क्यों प्रगति भी पड़ी धीमी ‘काली’
अर्थ शासन में’ही’ अवसाद आया |
वाह, क्या पंक्तियाँ हैं! आप हिंदी भाषा के घोर जानकार मालूम पड़ते हैं। धन्यवाद इस तरह की अनमोल सामग्री शेयर करने के लिए। मेरी भी वेबसाइट देखें- WEaLagend
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