गूगले से साभार |
चुनाव का माहौल है
चारो ओर हवा गरम है
दिल दिमाग में गर्मी है
आरोप प्रत्यारोप का दौर
अब चरम सीमा पर है |
गाली गलौज का नया
शब्दकोष बन रहा है
पुराने शब्द ,परिभाषाएं
और अर्थ बदल रहे हैं |
एक पार्टी का नेता
दुसरे पार्टी के नेतो को
गधा क्या कह दिया..,
गधों ने विरोध में
सड़क जाम कर दिया |
कहा ,"हम मेहनती हैं,
सहनशील हैं ,इमानदार हैं ,
अपना मेहनत का खाते हैं|
इन श्रेष्ट गुणों से रहित
नेताओं की तुलना
गधों से करना ......
गधों का अपमान है |
नेता बिना सर्त माफ़ी मागे
यही हमारा नारा है |"
नेता स्वार्थ सिद्धि के लिए
हर चुनाव में पार्टी बदलते हैं ,
जिसने उसे राजनीति का पाठ पढ़ाया है
उसी गुरु को धोखा दिया है |
गुरु ने कहा ,"नमक हराम,
विश्वास घातक कुत्ते .........
नहीं ,तुम तो कुत्ते से भी बदतर हो |"
कुत्तों ने इस बात का विरोध किया है
स्वार्थी ,धोखेबाज नेताओं को कुत्ता कहना
स्वाभिमानी ,स्वामीभक्त कुत्तों का अपमान है|
कुत्तों के नेता ने इसे संसद में
उठाने का वादा किया है |
संसदीय नया शब्दावली बड़ा प्यारा है
ठेके में दलाली खाने वाला चोर है
स्कैम को अंजाम देनेवाला चोरों का सरदार है
ईमान को बेचने वाले बेईमान है
चीत भी मेरी पट भी मेरी ........
वह दो मुह इन्सान है |
किसी को तगमा दिया जर्सी गाय ,कोई बछड़ा
कोई पपेट ,कोई रिमोट , तो कोई मुखड़ा
कोई खाता है कोयला तो कोई खाता है चारा
सत्ता के लालच में खाते चप्पल भी बेचारा |
टेबिल,कुर्सी ,माइक तोडना ,चीखना चिल्लाना
नई संस्कृति का जन्मदाता है
पूजनीय ???????
सांसद हमारा |
कालीपद"प्रसाद "
© सर्वाधिकार सुरक्षित
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सुन्दर अभिव्यक्ति...!
ReplyDeleteRECENT POST -: मजबूरी गाती है.
"गधे /कुत्ते का बगावत " का शीर्षक बदलकर "विरोध " किया | चर्चा मन्च पर Home क्लीक करें !
ReplyDeleteसुंदर !
ReplyDeletehttp://kbagarwal.blogspot.in/2013/12/narendra-modi-another-atal-bihari.html
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति | बधाई आप को
ReplyDeleteआदरणीय सर , बढ़िया सामाजिक बात रक्खी है आपने , धन्यवाद
ReplyDeleteनया प्रकाशन -: घरेलू उपचार( नुस्खे ) भाग - ६
आपका आभार मयंक जी !
ReplyDeleteसुन्दर भावनात्मक विचार की प्रस्तुति
ReplyDeleteगीता-जयन्ती' का का पर्व आप को मंगल- मय हो !
ReplyDeleteएक रोचक रचना के लिये आप को वधाई !
मेरे ब्लॉग 'प्रसून' पर श्रीमद्भगवद्गीता गीता पर कुछ नए विचार देखें !!
teekha vyang nischay hi behad prabhavshali rachana lagi ...aabhar .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सटीक प्रस्तुति..आभार
ReplyDeleteआपकी इस प्रस्तुति को आज की बुलेटिन राज कपूर, शैलेन्द्र और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeletesundar prastuti
ReplyDeleteवाह ......बहुत रोचक
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति ........ये नई संस्कृति जो पनपी है वो किसका आईना है ये भी विचारणीय है ....
ReplyDeleteसुंदर एवं रोचक.
ReplyDeletesundar ..rochak virodh pradarshan ..
ReplyDeleteसशक्त कटाक्ष आज की राजनीति के धंधे बाज़ों पर .
ReplyDeleteअपनी शेव बनाके साबुन दूसरे मुंह पे फैंकना चुनाव संस्कृति का एक अर्वाचीन तरीका है बढ़िया पोस्ट .
ReplyDeleteराजनीति की रोचक विधा, सुन्दर ढंग से समझायी।
ReplyDeleteसुंदर रचना….
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