मेरे सपनों के रामराज्य (भाग २ से आगे )
आदेश सुनकर बेहोश हुए कुछ
कुछ ने किया विलाप ,
काली कमाई से अलग होने का दुःख
नहीं सह पाये पुत्र ,और न बाप |
मेरी इच्छा ,ईश्वर इच्छा
अमान्य ना कर पाये कोई
रोते रोते वापस किया काली कमाई
सरकारी खजाना खाली न रहा कोई|
विदेश में पड़े काला धन को
किया ट्रान्सफर सरकारी खाते में
किया इन्वेस्ट उस धन को
देश के बुनियादी उद्योगों में |
देश के महालेखा अधिकारी ने
गणना कर बताया हमको ,
सौ साल तक टैक्स की जरुरत नहीं
आयकर मुक्त करें जनता को |
महालेखा अधिकारी की संस्तुति
निर्विरोध हम सब ने मान लिया ,
जनता को किया आयकर मुक्त
भ्रष्टाचार उन्मूलन का आगाज़ किया |
जनता खुश हम भी खुश
न कोई टैक्स न कोई चोरी
न कोई देनेवाला ,न कोई लेनेवाला
कोई नहीं है भ्रष्टाचारी |
रामराज्य का परिकल्पना
बहुतो ने किया था ,
सत्ता के लालच में सब ने
राम को भी भुला बैठा था !
हमने लाया रामराज्य
ख़ुशी से झूम उठी प्रजा ,
उठाके मुझे बैठाया सिंहासन पर
मुझ को बना दिया राजा |
किया हुक्म जारी मैंने
सुनो सब खुनी ,बलात्कारी
शुरू करो राम राम जपना
अलविदा कहने की कर लो तैयारी |
जल्लाद तैयार ,फांसी का फंदा तैयार
और तैयार मजिस्ट्रेट मोक्तार
चल रही थी घडी टिक टिक टिक
केवल था मजिस्ट्रेट की आदेश का इंतज़ार |
उठो ,उठो ,बुलन्द आवाज का
तभी धमाका सुनाई दिया ,
झक झोरकर ,पकड़कर मुझे
श्रीमती ने नींद से मुझे जगा दिया |
बोल रही थी "रातभर जगकर
फ़ालतू ब्लॉग लिखते रहते हो
दिन में सब काम छोड़कर
चद्दर तानकर सोते रहते हो !"
श्रीमती की मुलायम आवाज़
कान को प्रिय लग रही थी,
किन्तु बाहर वाले सोच रहे थे
कि वो हमको डांट रही थी |
आँख बंद थी तो देखा था
बैठा था मैं रत्न सिंहासन पर
आँख खुली तो देखा मैंने
बैठा हूँ पुरानी चारपाई पर |
मेरा सुन्दर सपना और
परिकल्पना रामराज्य का
मिटा दिया एक झटके में
निष्फल हुआ वर विष्णु भगवान का |
कालीपद "प्रसाद "
© सर्वाधिकार सुरक्षित
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (25-12-13) को "सेंटा क्लॉज है लगता प्यारा" (चर्चा मंच : अंक-1472) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका आभार मयंक जी !
Deleteआज का सच उजागर करती पोस्ट बधाई आपकी बेबाक सोच को
ReplyDeleteओह !यह तो अच्छा नहीं हुआ ! कम से कम आपके स्वप्न के माध्यम से सच्चे रामराज्य के दर्शन तो हो जाते ! बहुत बढ़िया लिखा आपने ! शुभकामनायें !
ReplyDeleteसाधना जी !आज अच्छे काम की शुरुयात तो होती है पर समाप्त होने के पहले कोई न कोई बाधा उत्पन्न हो जाता है या उत्पन्न किया जाता है और काम अधुरा रह जाता है ,यही दयनीय स्थिति है! आभार आपकी टिप्पणी के लिए !
Deleteमित्र! आज 'क्रिसमस-दिवस' पर शुभ कामनाएं,! सब को सेंटा क्लाज सी उदारता दे और ईसा मसीह सी 'प्रेम-शक्ति'!
ReplyDeleteव्यंग्य अच्छा है !
बहुत सत्यज कहा !
जय हो, स्वप्न ही सही, कुछ तो सार्थक दिखा।
ReplyDeleteसुंदर !
ReplyDeleteसपने भी कभी कभी धोखा देते हैं ... क्षणिक सुख भी पूरा नहीं होने देते ...
ReplyDeleteक्या बात वाह!
ReplyDeleteअरे! मैं कैसे नहीं हूँ ख़ास?
अब तो तुझे आवाज़ लगाते भी जी डरे
बहुत सुन्दर :)
ReplyDeleteसपने देखने चाहिए...सपने ही सच होते हैं...क्रिसमस कि हार्दिक बधाइयाँ...
ReplyDeleteचलो ख्वाबों मे ही सही कम से कम राम राज्य की अनुभूति तो हुई :) बहुत खूबसूरत
ReplyDeletebahut khoob... sapne dekhne ka koi mol thodi na hota hai ..
ReplyDeletePlease visit my site and share your views... Thanks
अच्छी व्यंग्यात्मक प्रस्तुति है ! अक्च्छी सोच में व्यंग्यात्मक प्रस्तुतीकरण ने चार चाँद लगाये है !
ReplyDeleteकाश यह सपना सच हो जाता
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत !
ReplyDeletekhoobsoorat rachana likhi hai apne sundar vyang ...aanand aa gya .
ReplyDeleteबेहद अच्छी
ReplyDeleteसच उजागर करती सुन्दर रचना |
ReplyDeletenc sr / aapki letest post n ?
ReplyDeleteहाँ
Deleteवर्तमान सत्य , रोचक प्रस्तुति
ReplyDeleteयही है मेरे सपनों का भारत .सुन्दर परिकल्पना
ReplyDeleteअच्छा सपना देखा .ऐसा रामराज्य सपने में ही देख सकते हैं.
ReplyDeleteNice information
ReplyDeletehtts://www.khabrinews86.com