"झूठे,मक्कारों,गुंडों " को अपने दामन में छिपाते रहे /
"ईमानदारी " का पाठ औरों को पढ़ते रहे
बेईमानी से अपना तिजोरी भरते रहे /
महंगाई का रोना 'आम 'को रुलाते रहे
वो तो 'ख़ास' हैं ,'आम 'के रोने पर हँसते रहे /
'आम 'अणडा फेंके ,जुते मारे या चप्पल मारे
व्होट /सत्ता के लिए ये सभी खाते रहे /
कालाधन ,कालाधन का माला जपते रहे
खुद के कालाधन से चुनाव जीतते रहे /
बेवकूफ़ 'आम ' को नेता हर बार बनाते रहे
'प्रसाद' ! जनता है भोली ,ख़ुशी से बेवकूफ़ बनते रहे /
कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
सुंदर !
ReplyDeleteबहुत खूब, लाजबाब !
ReplyDeleteबहुत सुंदर.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (07-12-2013) "याद आती है माँ" “चर्चामंच : चर्चा अंक - 1454” पर होगी.
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है.
सादर...!
राजीव कुमार जी ,आपका आभार!
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ReplyDeleteक्या बात है सर...
अब तो नेता चरित मानस लिखना पड़ेगा...
एक मंच[mailing list] के बारे में---
अपनी किसी भी ईमेल द्वारा ekmanch+subscribe@googlegroups.com
पर मेल भेजकर जुड़ जाईये आप हिंदी प्रेमियों के एकमंच से।हमारी मातृभाषा सरल , सरस ,प्रभावपूर्ण , प्रखर और लोकप्रिय है पर विडंबना तो देखिये अपनों की उपेक्षा का दंश झेल रही है। ये गंभीर प्रश्न और चिंता का विषय है अतः गहन चिंतन की आवश्यकता है। इसके लिए एक मन, एक भाव और एक मंच हो, जहाँ गोष्ठिया , वार्तालाप और सार्थक विचार विमर्श से निश्चित रूप से सकारात्मक समाधान निकलेगे इसी उदेश्य की पूर्ति के लिये मैंने एकमंच नाम से ये mailing list का आरंभ किया है। आज हिंदी को इंटरनेट पर बढावा देने के लिये एक संयुक्त प्रयास की जरूरत है, सभी मिलकर हिंदी को साथ ले जायेंगे इस विचार से हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करने के लिये हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित ये संयुक्त मंच है। देश का हित हिंदी के उत्थान से जुड़ा है , यह एक शाश्वत सत्य है इस मंच का आरंभ निश्चित रूप से व्यवस्थित और ईमानदारी पूर्वक किया गया है। हिंदी के चहुमुखी विकास में इस मंच का निर्माण हिंदी रूपी पौधा को उर्वरक भूमि , समुचित खाद , पानी और प्रकाश देने जैसा कार्य है . और ये मंच सकारात्मक विचारो को एक सुनहरा अवसर और जागरूकता प्रदान करेगा। एक स्वस्थ सोच को एक उचित पृष्ठभूमि मिलेगी। सही दिशा निर्देश से रूप – रेखा तैयार होगी और इन सब से निकलकर आएगी हिंदी को अपनाने की अद्भ्य चाहत हिंदी को उच्च शिक्षा का माध्यम बनाना, तकनिकी क्षेत्र, विज्ञानं आदि क्षेत्रो में विस्तार देना हम भारतीयों का कर्तव्य बनता है क्योंकि हिंदी स्वंय ही बहुत वैज्ञानिक भाषा है हिंदी को उसका उचित स्थान, मान संमान और उपयोगिता से अवगत हम मिल बैठ कर ही कर सकते है इसके लिए इस प्रकार के मंच का होना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। हमारी एकजुटता हिंदी को फिर से अपने स्वर्ण युग में ले जायेगी। वर्तमान में किया गया प्रयास , संघर्ष , भविष्य में प्रकाश के आगमन का संकेत दे देता है। इस मंच के निर्माण व विकास से ही वो मुहीम निकल कर आयेगी जो हिंदी से जुडी सारे पूर्वग्रहों का अंत करेगी। मानसिक दासता से मुक्त करेगी और यह सिलसिला निरंतर चलता रहे, मार्ग प्रशस्त करता रहे ताकि हिंदी का स्वाभिमान अक्षुण रहे।
अभी तो इस मंच का अंकुर ही फुटा है, हमारा आप सब का प्रयास, प्रचार, हिंदी से स्नेह, हमारी शक्ति तथा आत्मविश्वास ही इसेमजबूति प्रदान करेगा।
ज आवश्यक्ता है कि सब से पहले हम इस मंच का प्रचार व परसार करें। अधिक से अधिक हिंदी प्रेमियों को इस मंच से जोड़ें। सभी सोशल वैबसाइट पर इस मंच का परचार करें। तभी ये संपूर्ण मंच बन सकेगा। ये केवल 1 या 2 के प्रयास से संभव नहीं है, अपितु इस के लिये हम सब को कुछ न कुछ योगदान अवश्य करना होगा।
तभी संभव है कि हम अपनी पावन भाषा को विश्व भाषा बना सकेंगे।
एक मंच हम सब हिंदी प्रेमियों, रचनाकारों, पाठकों तथा हिंदी में रूचि रखने वालों का साझा मंच है। आप को केवल इस समुह कीअपनी किसी भी ईमेल द्वारा सदस्यता लेनी है। उसके बाद सभी सदस्यों के संदेश या रचनाएं आप के ईमेल इनबौक्स में प्राप्त कर पाएंगे कोई भी सदस्य इस समूह को सबस्कराइब कर सकता है। सबस्कराइब के लिये
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[आप सब से भी मेरा निवेदन है कि आप भी इस मंच की सदस्यता लेकर इस मंच को अपना स्नेह दें तथा इस जानकारी को अपनी सोशल वैबसाइट द्वारा प्रत्येक हिंदी प्रेमी तक पहुंचाएं। तभी ये संपूर्ण मंच बन सकेगा
बढ़िया प्रस्तुति-
ReplyDeleteआभार आदरणीय-
बहुत पसंद आई
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति , आदरणीय धन्यवाद
ReplyDeleteया प्रकाशन -: अपने ब्लॉग के लेख को कॉपी होने से कैसे बचाएं !
बेहद सटीक.
ReplyDeleteरामराम.
बढ़िया,सटीक अभिव्यक्ति...!
ReplyDelete----------------------------------
Recent post -: वोट से पहले .
SAHI BAT .....
ReplyDeleteसम्मानीय प्रसाद जी! वाह! वाह! बहुत खूब! आदि प्रतिक्रिया मुझे मात्र औपचारिकता ्लगती है। आप ने रचना मे सच्चाई को पिरो दिया है।
ReplyDeleteसम्मानीय प्रसाद जी! वाह! वाह! बहुत खूब! आदि प्रतिक्रिया मुझे मात्र औपचारिकता ्लगती है। आप ने रचना मे सच्चाई को पिरो दिया है।
ReplyDeleteवाह क्या बात! बहुत ख़ूब!
ReplyDeleteइसी मोड़ से गुज़रा है फिर कोई नौजवाँ और कुछ नहीं
कटु सत्य को बयान करती बेबाक प्रस्तुति ! बधाई स्वीकार करें !
ReplyDeletebahut badhia
ReplyDeleteबहुत बढियां प्रस्तुति
ReplyDeleteKHUBSURAT
ReplyDeleteबहुत सटीक बात और बढ़िया प्रस्तुति .......
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सटीक सच्चाई से भरी प्रस्तुति बधाई आपको
ReplyDeleteबहुत सटीक ,प्रासंगिक राजनीतिक धंधे बाज़ों को आईना दिखाती पोस्ट।
ReplyDeleteवाह... उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@ग़ज़ल-जा रहा है जिधर बेखबर आदमी
बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबेहतरीन...
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