Friday 22 January 2016

सप्रेम श्रद्धांजलि !*

मित्रों !
कई महीनो से मैं न अपने ब्लॉग पर आ सका न कुछ लिख सका और न ब्लॉग पढ़ सका क्योंकि मेरी पत्नी श्रीमती प्रभावती देवी कैंसर की अकल्पनीय पीड़ा से पीड़ित थी| हर घडी जीने के लिए मौत से लड़ रही थी | किन्तु मौत से आज तक कोई जीत पाया है ? अंतत; १८ जनवरी ,सोमवार ,१० .१५ बजे वह हम सबको छोड़कर ईश्वर को प्यारी हो गई | हम उनकी आत्मा की शान्ति के लिए परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना  करते हैं |



स्वर्गीय श्रीमती प्रभावती देवी 
                                                         तु म्हारी याद



क्या कहूँ कुछ सूझता नहीं ,काल-कर्कट है बड़ा क्रूर
तुड़वा दिया कसम हमारी ,कर दिया तुमको मुझ से दूर|
खाए थे कसम हमने मिलकर ,साथ रहेंगे जिंदगी भर
तुम हो कहीं पर ,मैं हूँ कहीं ,हो गए हम लाचार मजबूर |
हवा करती शोरगुल जब ,पत्तों का होता है सर- सराहट
लगता है यहीं कहीं पास में हो तुम,नहीं हो हमसे दूर |
रजनी-गंधा रजनी भर जगकर, बिखेरती जब अपनी महक
मन-कोयल मेरा चाहता है गाना,पर गायब है उसका सुर |
बादल के काले घुंघराले बाल ,ज्यों उड़ते फिरते आस्मां में |
लगता है तुम उड़ रही हो ,उड़ रहे हैं तुम्हारे काले चिकुर |
लड़ना झगड़ना ,चुप रहना, फिर बोलना याद आ रही है
अंतिम क्षण तक तेरी याद,दिल को हमारे बेक़रार करेगी जरुर |


 कालीपद "प्रसाद"
एवं समस्त परिवार के सदस्य
पुत्रियाँ,दामाद एवं प्यारी नाती  



© सर्वाधिकार सुरक्षित

14 comments:

  1. कालीपद जी,
    विधि के विधान के सामने हम सब विवश हैं। सांत्वना देने के अलावा और कुछ कर भी नहीं सकते। जीवन साथी में किसी एक के भी बिछड़ने का दुःख क्या होता है वह सिर्फ जिस पर गुजरती है वही समझता है। उस सूनेपन को समय के सिवा कोई और नहीं भर सकता। इस दुखद घडी में प्रभू, आप और आपके सारे परिवार को संबल प्रदान करे यही प्रार्थना है।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (23-01-2016) को "विषाद की छाया में" (चर्चा अंक-2230) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    श्रद्धा के साथ नमन।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. ईश्वर आपको धैर्य निर्वहन का संबल दे।

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  4. प्रभु आपको और पूरे परिवार को धैर्य निर्वहन का संबल दें |




    ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " "जिन्दगी जिन्दा-दिली को जान ऐ रोशन" - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  5. ईश्वर उनकी आत्मा को शन्ति प्रदान करें, ईश्वर आपके साथ हैं।

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  6. श्रीमती प्रभावती देवी जी के आकस्मिक निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि । ईश्वर उनकी आत्मा को शाँति प्रदान करे और उनसे जुड़े सभी लोगों को इस कठिन घड़ी से उबरने के लिये धैर्य प्रदान करे ।

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  7. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे

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  8. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे ।

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  9. शान्ति प्रार्थना के लिए आप सबका आभार और धन्यवाद !

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  10. ईश्वर की मर्जी को कौन ताल सकता है वह शान्ति दे यही ईश्वर से विनम्र प्रार्थना है |

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