भ्रष्टाचार का बेल
सारे देश में फ़ैल गई
जन-नेता पर से जनता
की आस्था टूट गई
हर क्षेत्र में
भ्रष्टाचार बन गया नासूर कैंसर
पाखंडी धर्म गुरुओं
के चंगुल में जनता आ गई |
चाँद तारों की चमक
है, सूर्य के आने तक
यार दोस्तों का
भरमार है, जेब भरी है जब तक
रिश्ते-नाते,
धन-दौलत का भरपूर उठाओ आनंद
इनका साथ रहेगा केवल
शमशान जाने तक |
कालीपद 'प्रसाद'
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (25-03-2016) को "हुई होलिका ख़ाक" (चर्चा अंक - 2292) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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रंगों के महापर्व होली की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार आपका !
Deleteरंगोत्सव के पावन पर्व पर हर्दिक शुभकामनायें...सार्थक प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
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