सब पार्टियाँ झगड़ती’
हमेशा, कमाल है
संकट में’ देश एक
है’ यह बेमिशाल है |
आलोचना सदैव भला,
लोकतंत्र में
अभियोग सर्वदा बना’
बचने का’ ढाल है |
छोटे शहर में’ जीत
गए? दिल्ली’ दूर है
मदहोश हो ख़ुशी से’
लगाया गुलाल है |
यह राजनीति है बुरा
मासूम के लिए
मदपान गोष्टी’ में
सुरा त्यागी की’ हाल है |
उन्नीस का चुनाव बना
आन बान अब
दंगा फसाद मौत, यही
तो बवाल है |
जब न्याय कठघड़े
खड़ा’, तब लोग क्या करे
कुछ कर न सकने’ का
यही’ सबको मलाल है |
मुद्रा कमी बहुत हो’
गई ए टी’ एम में
फिर नोट बंदी’ की
नई’ क्या गुप्त चाल है ?
जनता नहीं रही अभी’
‘काली’ गऊ समान
अब
बाँधने उन्हें है’ बिछा एक जाल है |
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, भगवान से शिकायत “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteनिमंत्रण
ReplyDeleteविशेष : 'सोमवार' २१ मई २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक के लेखक परिचय श्रृंखला में आपका परिचय आदरणीय गोपेश मोहन जैसवाल जी से करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।