Monday 3 December 2018

गंगा की सफाई

अतुकांत कविता
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गंगा की सफाई
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थेम्स नदी का जल
गंगा जल से शुद्ध और निर्मल |
क्या है कारण ?
ब्रितानी शुद्ध विचार
दृढ़ संकल्प और लगन |
करीब पचास, पचपन साल पहले
यह नदी कचरों से
दबकर मर गई थी |
किंतु आज एक सजीव
विश्व में सबसे स्वच्छ नदी है |
लोग थेम्स को पवित्र नदी
नहीं मानते हैं, वरण
नदी को स्वच्छ रखने का
अपना पवित्र कर्तव्य मानते हैं |
गंगा को हम पवित्र मानते हैं,
किन्तु उसे स्वच्छ रखना
आपना कर्तब्य नहीं मानते है |
स्वच्छ गंगा के लिए
करोड़ों रुपए पानी में बहा दिए
फिर भी भक्ति नहीं होती
उस में डुबकी लगाकर नहाए |
एक लाश निकलती है
तो दूसरी बह कर आती है,
आस्था के नाम से,
गंगा मैली रखने के लिए
हम सब ने कसम खाई है |
गंगा को थेम्स से भी गर
स्वच्छ बनाना है,
तो आस्था के नाम से
पूजा सामग्री, शव
गंगा में डालना बंद करना है |
कारखानों के विषाक्त उत्सर्जन
पूजा की प्रतिमा का विसर्जन
भी बंद करना होगा |
रासायनिक रंग
जल को करता है दूषित ,
सरकार भी वोट के लिए
आस्था और कु-संस्कार को
करती है पोषित |
दोगला नीति बंद करना होगा
आवश्यकता पड़े,
कुंभ में स्नान भी बंद करना होगा |
गंगा से घड़े भर पानी लेकर
गंगा किनारे नहा ले,
हर कीमत पर
गंगा साफ करने का प्रण ले |
संस्कृति, समर्थ का
झूठा दंभ ना भरें,
अंग्रेजों ने थेम्स को
दुनिया का सबसे स्वच्छ नदी बनाया है ,
दृढ़ प्रतिज्ञाबद्ध हो
हम भी गंगा को उससे
ज्यादा स्वच्छ करें |
गंगा को आप पवित्र माने या न माने
गंगा को साफ़ रखना अपना
पवित्र कर्तब्य माने |
कालीपद 'प्रसाद'

1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (04-12-2018) को "गिरोहबाज गिरोहबाजी" (चर्चा अंक-3175) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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