पलास का सिंदूरी लाल फुल, .......यह सुचना दे रहा है
ऋतुराज वसन्त आ रहा है |
वासंती हवा कानों को छूकर, आहिस्ता आहिस्ता फूस फुसाकर
वसन्त का आगमन का सन्देश दे रहा है |
धरती कर रही है श्रृंगार प्यार से, नए फुल, नवांकुर,किसलय से
गुन गुनाकर भौंरें स्वागत गीत गा रहे हैं |
सोलह श्रृंगार धरती का, अल्हड़ उन्माद यौवन का
अधैर्य स्वागत कर रहा है |
तितलियाँ घूम घूमकर, स्वागत सज्जा देख रही है
रंग विरंगे फूलों में अपना रूप निहार रही है |
मकरन्द के प्याषी तितलियाँ चूम चूमकर गुल को
प्यार का इज़हार कर रही है |
कोयल का मधुर गान अचेतन रति पति पर
काम रसायन ढाल रहा है|
चिड़ियों की चहक,फूलों की महक अलियों का गुंजन
इन्द्र धनुषी मोहक रूप धरा का दिल में उल्लास भर रहा है
कालीपद "प्रसाद "
© सर्वाधिकार सुरक्षित
कमाल है!
ReplyDeleteचुन-चुन कर शब्दों का आपने प्रयोग किया और क्या सुंदर संदेश देती रचना है यह!!
लाजवाब!!!
मन मयूर झूम गया
ReplyDeleteबेमिसाल अभिव्यक्ति
वसंत के शुभागमन की उद्घोषणा बहुत सुंदर कृति से दी है आपने ! बहुत ही उत्कृष्ट रचना !
ReplyDeleteखूबसूरत रंगों को देख के लग रहा है की बसंत आ गया ... सुन्दर मनभावन शब्द ...
ReplyDeleteआ० बहुत सुंदर शब्दों से अलंकृत आपकी रचना , धन्यवाद
ReplyDeleteनया प्रकाशन -: जाने क्या बातहै हममें कि हमारी हस्ती मिटती नहीं !
बहुत सुन्दर और वसंत की तरह मनभावन प्रस्तुति...
ReplyDeleteवसंत के आगमन की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति.
ReplyDeletesateek abhivyakti....bahut sundar
ReplyDeleteअति सुंदर...
ReplyDeleteअलियों का गुंजन अंतर्मन को गुदगुदा रहा है .....अनुपम ......
ReplyDeleteप्रकृति हो जायेगी अब रंग बिरंगी
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार !सुचना के लिए धन्यवाद |
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार !सुचना के लिए धन्यवाद |
ReplyDeleteबसंत का आगमन...खुशनुमा रंग...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना.....
ReplyDeleteवसंत की आमद की शुभकामनाएं...............
सादर
अनु
ऋतुराज वसंत के आगमन की सुन्दर छटा बिखेर दी आपके इन शब्दों ने .... लाज़वाब रचना
ReplyDeletewah sundar prakirti ka varnan....man prasan ho gaya padh kar
ReplyDeleteबसंत बहार हो गए ,प्रकृति के संग गुलजार हो गए,अति सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर वासंती रंग बिखरा है ..
ReplyDeleteवसंत के आगमन का सुन्दर चित्रण !
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