प्रकृति की देखो अद्भुत करिश्मा
प्रमुख ऋतू ग्रीष्म ,शीत ,वसंत ,वर्षा
ग्रीष्म में पर्वत पर जलती दावानल
जलकर भस्म हो जाते हैं जंगल|
वर्षा में प्रकृति बरसती है जी भर
प्यासे जीव का प्यास बुझाती
जलप्रलय का खेल भी कभी कभी
मन मौजी से खेलती है प्रकृति |
शीतकाल का क्या कहना
पहाड़ हो या भूमि समतल
पहाड़ों पर होता है हिमपात
रवि-रश्मि भी हो जाती है शीतल !
रजनी रोती है शाम से सुबह
रवि -राज के विरह में
धरती पर के सब तृण पत्ते
भीग जाते उसके आँसुओं में |
आँसुओं के धुँध के चादर
बिछ जाती है अवनी पर
उठाती है यह चादर धरती
तब तक हो जाता है दोपहर |
ऊनी कपडे स्वेटर ज्याकेट
कोई ओडते हैं मोटा कम्बल
घर के अन्दर दुबक जाते सब
'अलाव 'है गरीबों का संबल |
निर्मल श्वेत हिम-चादर से
ढक जाता है गिरि शिखर
पादप भी ओड़कर हिम-चादर
सर्द हवा से कांपते थर थर |
श्वेत रास्ता ,श्वेत झरना, श्वेत है मुकुट पर्वत की
श्वेत है पेड़ पौधे,श्वेत है झील,श्वेत है छतें घर की
श्वेत चाँदनी फैली जब श्वेत हिम -चादर पर
उतरती है अप्सराएँ यहाँ छोड़ देवसभा इन्द्र की |
मित्रों ! प्रवास के कारण अगले १५ दिन तक नियमित रूप से ब्लॉग पर आ नहीं पाऊंगा परन्तु उसके बाद जरुर हाजिर हो जाऊंगा !
कालीपद"प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (21-01-2014) को "अपनी परेशानी मुझे दे दो" (चर्चा मंच-1499) पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका बहुत बहुत आभार मयंक जी !
Deleteबदलते मौसम का सुन्दर सचित्र चित्रण |
ReplyDeleteप्रकृति चक्र पूरा बहता है,
ReplyDeleteवह सबके मन का रहता है।
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteआभार आपका-
sundar prakirtik varnan
ReplyDeleteआ० सर , बहुत ही सुंदर रचना , धन्यवाद
ReplyDeleteनया प्रकाशन -: कंप्यूटर है ! -तो ये मालूम ही होगा -भाग - २
मौसम का सुंदर चित्रण ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्राकृतिक वर्णन..
ReplyDelete:-)
waah kya bat hai thande mausam me garam-garam kavita ...
ReplyDeleteप्रकृति का बहुत सुन्दर चित्रण किया है आपने
ReplyDeleteसुन्दर चित्र एवं चित्रों को सुन्दर शब्दों से परिभाषित करती सुन्दर रचना ! बहुत बढ़िया !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चितरण किया है ,,बधाई..
ReplyDeleteशब्दों से चित्र खींचा है ... जैसे कोई केनवस हो प्राकृति ...
ReplyDeleteचित्र को भाषा में टाँक दिया है आपने तो हमेशा की तरह .... बहुत खूब
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति...
ReplyDeletewaah manoram chitran prakriti ka
ReplyDeleteshubhkamnayen
adbhut ......!!
ReplyDeleteप्रकृति का सचित्र वर्णन...
ReplyDeletehttp://hindihaiku.blogspot.in/
Sunder Chitran......
ReplyDeleteसुंदर ऋतुओं का चित्रण ...!!
ReplyDeleteNice information
ReplyDeletehtts://www.khabrinews86.com