हिलगई नींव अब खानदानी महल की
'खास' अब लगाने लगे टोपी 'आम' की l
बढ़ गई धड़कन सियासत के
मुक्केबाजों की
बेहोश हो रहे बार बार,खाकर
मुक्का एक 'आम' कीl
अभिमानी शक्तिशाली भारत
भाग्य-विधाता
लोकपाल पास किया ,डर सताए 'आम' की
l
भ्रष्टाचारी, बाहुबली पड़ गए सोच
में
बिना धन ,बिना बल जीत हुई 'आम' की
l
बड़े बड़े महारथी धुल चाटे समर
में
नौशिखिया प्रतिद्वंदी चुनाव
जीते 'आम' की l
कालाधन बाहुबल काम ना आया चुनाव
में
हवालात का डर है, भृकुटी तनी है 'आम' की l
दिल्ली गया ,दरबार गया ,मिटा
बरसों की साख
अगली राज किसकी,कांग्रेस,बीजेपी
या 'आप' की l
चिंता यही सताती है नमो और
राहुल बाबा को
'आप' को कुछ खोना नहीं,जीतेंगे तो
राज 'आप' कीl
घिर गए विवादों में अनुभवहीन जोशीला
मंत्री जी
जोश तो जरुरी है ,खोना नहीं होश
मंत्री जी l
जीत का “प्रसाद”मिलकर चखेंगे आम
हो या ख़ास
यही वायदा है ,संकल्प भी है आम
के 'आप' की l
कालीपद "प्रसाद "
©सर्वाधिकार सुरक्षित
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (31-01-2014) को "कैसे नवअंकुर उपजाऊँ..?" (चर्चा मंच-1508) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार मयंक जी !
Deleteबहुत सटीक.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteराजनीति अब नहीं, है किसी के बाप की
ReplyDeleteसरकार भला सबका करेगी, गर दुआ है आप की...
आभार हर्षवर्धन जी !
ReplyDeleteवर्तमान राजनैतिक परिदृश्य को बखूबी उभारा है ! सुंदर रचना !
ReplyDeletesateek rachan...vartman say judi ....
ReplyDeleteउपाधियों की व्याधियों में सिमटी राजनीति
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत ही सटीक रचना....
ReplyDeletehttp://mauryareena.blogspot.in/
वर्तमान राजनीति पे टीका ... सटीक है ...
ReplyDeleteबहुत खूब... सटीक अभिव्यक्ति...
ReplyDeletehttp://himkarshyam.blogspot.in
सटीक रचना |
ReplyDeleteआशा
सफलता पचा पाना हर किसी के बस कि बात नहीं होती..और खासकर राजनीति में तो बिलकुल नहीं...उत्कृष्ट रचना..आभार
ReplyDeleteसुंदर रचना….
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Nice information
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