चित्र गूगल से साभार |
मेरा जन्म !
अँधेरी कोठरी में
घोर अन्धकार में
तुम्हारी कृपा
प्रकाश था
मुदित नेत्रों से भी
मैं देख सकता था |
मात्री गर्भ में हे
ईश्वर!
तुम ने तिल-तिल
जोड़कर
धीरज से मुझे बनाया
यतन से मेरा रूप
सवांरा ,
जीवन के प्रतीक
स्वांस प्रस्वांस
दिया |
जीवन का दूसरा पहचान
हर पल,हर घडी धड़कते
दिल की धड़कन दिया |
तुम मुझमें समाहित
हो
जानूं ! वही निरंतर
धड़कन हो,
धड़कन रुक जाती है
जब तुम रूठ जाते हो
|
जब तुम मुझ में हो
तब किसी काम का मुझे
कोई डर क्यों
हो ?
मुझ से कोई अच्छा या
बुरा काम हो
ऐसा हो नहीं सकता ,
वही करता हूँ मैं
जो तुम करवाते हो |
मानव शिशु सब हैं एक
बराबर
नहीं है नवजात में
कोई अंतर ,
परिवार बनाता है उसे
मेहनती
और किसी को आलसी
,लानती,
वही बनता उसे मज़हबी
किन्तु ईश्वारेच्छा से अजनबी |
वही बनता उसे मज़हबी
किन्तु ईश्वारेच्छा से अजनबी |
करना तुम इतना कृपा
हे दयालु! दया निधान ,
कराना कुछ काम मुझ
से ऐसा
जिसमें छिपा हो जन
कल्याण |
धन्य हो मेरा परलोक जीवन
धन्य हो मेरा इहलोक जीवन
पूर्ण करने तुम्हारी नेक इच्छा
तुम्हे समर्पित दोनों जीवन |
ना जानूं ,क्या
अच्छा है ,क्या बुरा है
नहीं जानता जग का
आचार विचार
तुमको मैं जानूं सब
कर्मो का अंत
अनतिम पढाव हर नदी
का जैसे है महासागर |
कालीपद 'प्रसाद '
सर्वाधिकार सुरक्षित
नैसर्गिक इच्छा अद्भुत भाव
ReplyDeleteआभार रमाकांत जी |
Deleteसुंदर रचना व लेखन , आ. धन्यवाद !
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
आभार आशीष भाई |
Deleteबहुत सुन्दर रचना..
ReplyDeleteआभार माहेश्वरी कनेरी जी |
Deleteएक निश्छल, निष्कपट पावन प्रार्थना ! अति सुंदर !
ReplyDeleteआभार साधना वैद जी !
Deleteगहरे भाव ... भावनाओं से ओतप्रोत ..
ReplyDeleteआभार दिगंबर नासवा जी
Deleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteआभार कैलाश शर्मा जी |
Deleteआभार रविकर जी !
ReplyDeleteगहन अनुभूतियों से सुस्ाज्ज्ति।
ReplyDeleteआपका आभार विकेश बडोला जी |
Deleteआमीन !!!
ReplyDeleteआपका आभार सदा जी !
Deleteगहरे भाव... सुन्दर रचना के लिए बधाई.
ReplyDeleteआपका आभार डॉ जेन्नी शबनम जी !
Deleteबहुत सुन्दर प्रभावी रचना
ReplyDeleteआपका आभार आशा जी
Deleteआपका आभार !
ReplyDeleteआपका आभार राजीव जी !
ReplyDeleteआपका आभार राजा कुमारेन्द्र सिंह जी !
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