१२१२ ११२२
१२१२ २२ (११२)
चनाव में अभी’ पार्टी बहुत धमाल
किया
गरीब लोग के’ ही वोट ने कमाल
किया |
विकास-ढोल बजाते, कहीं विकास
नहीं
कहाँ हुई है’ प्रगति? जानता’ ने
सवाल किया |
लिया है वोट किया फायदा सदा अपना
कठोर झूठ-छुरा आम को हलाल किया |
कभी यहाँ कभी’ परदेश में किया
विस्फोट
हरेक देश में’ आतंक ने बबाल
किया |
ढकोसले में’ सभी पार्टियां
निपुण होते
शहद-वचन सदा’ नुक्सान बेहिसाब
किया |
उन्हें दिये थे’ यही इक जबाबदेही
हम
हिसाब लिखने’ में’ आपाद गोलमाल
किया |
फरेब, स्वार्थ, विभेदन सभी
अधर्म किये
यही तो’ देश की’ ‘काली’ ख़राब
हाल किया |
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