गूगल से साभार |
जय दुर्गे माँ !( आगमनी )
जय दुर्गे जय दुर्गे जय दुगे माँ
दुःख नाशिनी सुख दायिनी तुम दुर्गमा |
नंदाशक्ति रक्तदंतिका तुम ही गायत्री माँ
दुर्गनाशिनी भय हारिणी मुक्तिदायिनी माँ |
शरद का शिशिर सुन्दर, सुन्दर धरती माँ
तुम्हारे आगमन से हर्षित धरती आसमा |
हर्षित दिशा, हर्षित हवा, हर्षित देव, नरगण
हँसी-ख़ुशी सुख-सौभाग्य का धरा पर आगमन |
लक्ष्मी-सरस्वती आई, साथ आये कार्तिक-गणेश
जगत-जननी आई धरा पर, लेकर साथ महेश |
सुस्वागतम, सुस्वागतम, सुस्वागतम माँ सपरिवार
अभयदायिनी, विपत्तारिणी, स्वागत है माँ बार-बार|
तुम्हारा आगमन है जग का कल्याण, कल्याणी माँ
सदा कृपादृष्टि रखो हम पर, हम निराश्रित हैं माँ |
रोग हरो, शोक हरो, पीड़ा हरो, कष्ट हरो हमारी माँ
तुम हो संकट-मोचनी, कल्याणकारी, मुक्तिदायिनी माँ |
तुम्हारी ही कृपा, सहारा हमारा, दूजा कौन है माँ
करो उद्धार इस विपत्ति से, मुझ पर कृपा बरसो माँ |
जय दुर्गे जय दुर्गे जय दुर्गे माँ .....
दुःख नाशिनी सुख दायिनी तुम दुर्गा मा... |
कालीपद ‘प्रसाद’
©सर्वाधिकार सुरक्षित
बहुत सुन्दर शब्दावली से माँ की अभ्यर्थना एवं स्वागत किया है ! नव रात्रि की हार्दिक शुभकामनायें ! जय माँ दुर्गे !
ReplyDeleteआपको भी नव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ |
Deleteबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
ReplyDeleteजय माँ दुर्गे!
दुर्गा पूजा और नव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं |
Deleteबहुत सुंदर । नव रात्रि की शुभ कामनाये ।
ReplyDeleteसुन्दर वंदना। दुर्गा पूजा और दशहरे की शुभकामनाएँ।
ReplyDelete