Tuesday 13 October 2015

जय दुर्गे माँ ! (आगमनी )

गूगल से साभार 


जय दुर्गे माँ !( आगमनी )

जय दुर्गे जय दुर्गे जय दुगे माँ
दुःख नाशिनी सुख दायिनी तुम दुर्गमा |

नंदाशक्ति रक्तदंतिका तुम ही गायत्री माँ
दुर्गनाशिनी भय हारिणी मुक्तिदायिनी माँ |

शरद का शिशिर सुन्दर, सुन्दर धरती माँ
तुम्हारे आगमन से हर्षित धरती आसमा |

हर्षित दिशा, हर्षित हवा, हर्षित देव, नरगण
हँसी-ख़ुशी सुख-सौभाग्य का धरा पर आगमन |

लक्ष्मी-सरस्वती आई, साथ आये कार्तिक-गणेश
जगत-जननी आई धरा पर, लेकर साथ महेश |

सुस्वागतम, सुस्वागतम, सुस्वागतम माँ सपरिवार 
अभयदायिनी, विपत्तारिणी, स्वागत है माँ बार-बार|

तुम्हारा आगमन है जग का कल्याण, कल्याणी माँ
सदा कृपादृष्टि रखो हम पर, हम निराश्रित हैं माँ |

रोग हरो, शोक हरो, पीड़ा हरो, कष्ट हरो हमारी माँ 
तुम हो संकट-मोचनी, कल्याणकारी, मुक्तिदायिनी माँ |

तुम्हारी ही कृपा, सहारा हमारा, दूजा कौन है माँ
करो उद्धार इस विपत्ति से, मुझ पर कृपा बरसो माँ |

जय दुर्गे जय दुर्गे जय दुर्गे माँ .....
दुःख नाशिनी सुख दायिनी तुम दुर्गा मा... |

 कालीपद ‘प्रसाद’

©सर्वाधिकार सुरक्षित 

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर शब्दावली से माँ की अभ्यर्थना एवं स्वागत किया है ! नव रात्रि की हार्दिक शुभकामनायें ! जय माँ दुर्गे !

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    1. आपको भी नव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ |

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  2. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
    जय माँ दुर्गे!

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    1. दुर्गा पूजा और नव रात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं |

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  3. बहुत सुंदर । नव रात्रि की शुभ कामनाये ।

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  4. सुन्दर वंदना। दुर्गा पूजा और दशहरे की शुभकामनाएँ।

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