पेड़ लगाओ भाई पेड़ लगाओ
धरती को हरी-भरी बनाओ
पेड़ पौधे लता,धरती का है गहना
हरे गहने से धरती सजती है ,
पेड़ लगाओ ,धरती सजाओ
धरती को हरी भरी बनाओ
पेड़ लगाओ भाई पेड़ लगाओ।
धरती की प्यास बुझाने को
पेड़ ही बुलाता पावस को
पेड़ लगाओ और पावस बुलाओ
जग का प्यास बुझाने को
पेड़ लगाओ भाई पेड़ लगाओ।
पेड़ पौधे हैं तो प्राण-वायु है
प्राण नहीं तो धरती बंजर है
पशु ,पक्षी ,मानव सबका
भोजन का आधार पेड़ पौधे हैं
पेड़ लगाओ भाई पेड़ लगाओ।
सुजला सुफला हरित धरती
इसका रक्षक वृक्ष लता है
वृक्ष लता की रक्षा करो और
धरती बचाओ ,धरती बचाओ
पेड़ लगाओ भाई पेड़ लगाओ।
वृक्ष लता है तो सुन्दर वन है
वन है तो पशु पक्षी है
पशु पक्षी धरती की शान है
मनुज प्राणियों में प्रधान है
इन्हें बचाओ, धरती की शान बचाओ।
मनुज का अस्तित्व पर्यावरण है
वन वचाओ , पर्यावरण बचाओ
पर्यावरण बचाओ ,अपना अस्तित्व बचाओ
पेड़ लगाओ भाई पेड़ लगाओ।
कालिपद "प्रसाद"
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http://www.parikalpnaa.com/2012/11/blog-post_27.html
ReplyDeleteमनुज का अस्तित्व पर्यावरण है
ReplyDeleteवन वचाओ , पर्यावरण बचाओ
पर्यावरण बचाओ ,अपना अस्तित्व बचाओ
पेड़ लगाओ भाई पेड़ लगाओ।
प्रेरणात्मक पंक्तियां ... उत्कृष्ट प्रस्तुति
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteप्रेरणादायी पंक्तियाँ....
धरा को बचाना वाकई ज़रूरी है अब..
सादर
अनु
सार्थक रचना
ReplyDeleteped hamaare jivn ka astittv hain! Yah rchna manv jaati ko ek sandesh deti hai.
ReplyDeleteshayad manav jag sake in prayason se to jeewan badal jaaye
ReplyDeletekripya mere blog par bhi padhaare
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