मंत्री ,सन्तरी और
देश के ठेकेदारों !
जागो!
भारत की आधी जनता
जाग गई है ,
बचे आधी ने
करवट ले ली है।
कुम्भ कर्णी नींद से तुम जागो
समझो कि तुम्हारी प्रिय कुर्सी
अब हिल रही है।
समय रहते यदि नहीं जागे
बलात्कार ,अत्याचार
भ्रष्टाचार के विरुद्ध
यदि शक्त जनहित क़ानून नहीं बनाये
जान लो यह निश्चित
तुमने अपना कब्र खुद खोद लिए।
राजनीति का खिलाडी हो,
जनशक्ति को दबाकर
उसे ललकारते हो ?
लगता है अनाड़ी खिलाडी हो।
क्या कभी तुमने इतिहास पढ़ा ?
जरा इतिहास के पन्ने पलटो
या
यूगांडा ,मिश्र का सैर कर लो
दादा अमिन का हाल जानलो
और
हुस्न मुबारक का क्या हुआ
उससे ही पूछ लो।
मंत्री ,संत्री, सांसद
सबको आता है आनंद
विदेश यात्रा में।
अब तुम लीबिया जाना
जरा कर्नल गद्दाफ़ी का
ख़बर जानकार आना ,
शायद तुम्हारी नींद खुल जाय
जानकर बिरादरी का ठिकाना।
बाप बेटे ने मिलकर
किया औरत की इज्जत को तार तार
होकर रक्षक बन गया भक्षक
बढाया भ्रष्टाचार ।
बेटा गया ,परिवार गया
सत्ता गई ,उसकी जान भी गई
सहन शक्ति जनता की
जब जवाब दे गई।
इतिहास में एक नहीं
अनेक है ऐसे किस्से ,
इसलिए प्यारे कहता हूँ प्यार से।
अँधेरा छट रहा है
उजाला आनेवाला है
आधी जनता जाग चुकी है
आधी जागने वाली है
जब सब जाग जायेंगे
तुम्हारा क्या होगा प्यारे ?
कालीपद "प्रसाद "
© सर्वाधिकार सुरक्षित
कुम्भ कर्णों
एक छोटी सी उम्मीद की किरण के साथ सोने वाले सच में अब जाग रहें है ....
ReplyDeleteकुंभकर्णी, भ्रष्टाचार, बिरादरी
ReplyDeleteबस बस...सही कहा है....बदलाव होने ही वाला है.
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा । अच्छा आहवान है । काश ये लोग आपकी बात को समझ सके और मान पाए और काश हम इन्हें जगा पाए ।
ReplyDeletejane kab tak soti rahegi humari sarkar.......kaash aisa kuchh jaldi ho jaye ....
ReplyDeletedesh ke haalato ka bakhoobi chitran ...
http://ehsaasmere.blogspot.in/
बहुत ओज पूर्ण रचना आज हर दिल की पुकार ,कुछ तो करना होगा --बहुत बधाई visit my blog--http://hindikavitayenaapkevichaar.blogspot.in/
ReplyDeleteजाने कब जागेगी यह कुंभकर्णी व्यवस्था..
ReplyDeleteआज के परिवेश पर सार्थक रचना !!!
ReplyDeleteआपकी यह प्रस्तुति अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत सही बात कही है आपने .भावनाओं को उद्वेलित करती भावात्मक प्रस्तुति भारत सरकार को देश व्यवस्थित करना होगा .
ReplyDeleteआपकी कविता मन के संवेदनशील तारों को झंकृत कर गई। मेरी कामना है कि आप अहर्निश सृजनरत रहें। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। न्यवाद।
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