छत्तीस साल ,छत्तीस घंटे
छत्तीस मिनिट ,छत्तीस सेकण्ड बाद
रिटायर्ड हुए रामावतार जोशी
वासस्थान जिला फैजाबाद l
दफ्तर में अफ़सर थे छत्तीस मिनिट ,छत्तीस सेकण्ड बाद
रिटायर्ड हुए रामावतार जोशी
वासस्थान जिला फैजाबाद l
सबको सुनाते थे ,पर
नहीं सुनी कभी किसी कि बात.
इलेक्शन का समय था
जोशी भी जोश में था
सेवा निवृति का विषाद
और थकान भूल गए\
झटपट तैयार होकर
बाहर निकल गए
पूछने पर भी घर वालों से
मन की बात छुपा गये.
सोचने लगे ,
"चुनाव लडूंगा , नेता बनूँगा
फिर मंत्री बनूँगा ,बस
फिर आराम से कुछ दिन
दफ्तर में ही सोऊंगा l
ससुरा 'बऑस ' आफिस में
कभी सोने नहीं दिया
अब उसका कसार निकाल लूँगा ."
लेकिन
चुनाव किस पार्टी से लडे
इस पर विचार करना है ,
सब पार्टी का आदर्श एवं
उद्देश्य जानना भी जरुरी है .
सबसे पहले पहुंचे वी जे पी दफ्तर
अर्थात विश्वासनीय जनता पार्टी .
दफ्तर के बोर्ड पर लिखा था ......
मतदाता का विश्वास जितना है ,
उनकी कल्याण करना है ,
ईमानदार ना हो कोई बात नहीं
'इमानदार है ' ऐसा दिखना है
भ्रष्टाचार मिटाना है ."
जोशी को पार्टी का आदर्श भा गए
फ़टाफ़ट पार्टी का सदस्यता फॉर्म भर दिए .
चयन समिति के सामने उद्देश्य जानना भी जरुरी है .
सबसे पहले पहुंचे वी जे पी दफ्तर
अर्थात विश्वासनीय जनता पार्टी .
दफ्तर के बोर्ड पर लिखा था ......
मतदाता का विश्वास जितना है ,
उनकी कल्याण करना है ,
ईमानदार ना हो कोई बात नहीं
'इमानदार है ' ऐसा दिखना है
भ्रष्टाचार मिटाना है ."
जोशी को पार्टी का आदर्श भा गए
फ़टाफ़ट पार्टी का सदस्यता फॉर्म भर दिए .
साक्षात्कार के लिए बुलाये गए .
सफ़ेद दाढ़ी और मूंछों वाला आदमी
चश्मे के ऊपर से झांकते हुए पूछा
"कितनों का खून किया है ?
कभी रिश्वत लेते पकडे गए ?
दो धर्मों में कभी लड़ाई करवाई ?
या फिर प्राईवेटाइज़ेसन के नाम पर
सरकारी दफ्तर बेचने का कोई अनुभव ?"
"ये कैसे कैसे प्रश्न हैं ?"जोशी चकराए
जोश ठंडा हुआ और होश उड़ गए
झटके से एक गिलास पानी पी गए .
सर उठाये तो समिति ने उन्हें
बाहर का रास्ता दिखा दिए .
बाहर का रास्ता दिखा दिए .
बाहर आकर जोशी बडबडाये
बाप रे बाप !!
"खून ,रिश्वत ,साम्प्रदायिकता ,कालाधन "
ये सब छुपा एजेंडा को समझ नहीं पाएंगे
सीधे साधे जनता जनार्धन .
सबके चेहरे पर मुखौटा थे ,
मुखौटे कितने सुन्दर ,पर
असली चेहरा लगता छुछुंदर ,
बाप रे बाप !! चुप रहना ही बेहतर .
जोशी आगे बढ़ गए
एस .एस.पी के दफ्तर में घुस गए
एस.एस.पी अर्थात
समाज सुधारक पार्टी ,
जिसका उद्देश्य है, ,,
बाप रे बाप !!
"खून ,रिश्वत ,साम्प्रदायिकता ,कालाधन "
ये सब छुपा एजेंडा को समझ नहीं पाएंगे
सीधे साधे जनता जनार्धन .
सबके चेहरे पर मुखौटा थे ,
मुखौटे कितने सुन्दर ,पर
असली चेहरा लगता छुछुंदर ,
बाप रे बाप !! चुप रहना ही बेहतर .
जोशी आगे बढ़ गए
एस .एस.पी के दफ्तर में घुस गए
एस.एस.पी अर्थात
समाज सुधारक पार्टी ,
जिसका उद्देश्य है, ,,
""दादागिरी से मत डरो,
चाहे कोई कुछ कहे
प्रशंसा हो या निंदा ,फिक्र मत करो
अपने मन की करो ,कुछ नया करो ".
कभी किडन्यापिंग करते पकडे गये चाहे कोई कुछ कहे
प्रशंसा हो या निंदा ,फिक्र मत करो
अपने मन की करो ,कुछ नया करो ".
एस .एस. पी के इंटरव्यू के लिए
जोशी तैयार बैठा था
कुर्सी को जकड़कर पकड़ा था ,
तभी एक अधमोटा नाटा सा
थोड़ा हकलाता सा व्यक्ति
श ष स को समोसे में भर कर
पान जैसे चबाते हुए पूछा ......
"कभी डाका डाला है ? या
टाडा या पोटा जैसे संगीन जुर्म जेल गए ?
जोशी तैयार बैठा था
कुर्सी को जकड़कर पकड़ा था ,
तभी एक अधमोटा नाटा सा
थोड़ा हकलाता सा व्यक्ति
श ष स को समोसे में भर कर
पान जैसे चबाते हुए पूछा ......
"कभी डाका डाला है ? या
टाडा या पोटा जैसे संगीन जुर्म जेल गए ?
प्रश्न सुनकर जोशी गस खा गया
राजनीति का जोश ठण्डा पड गया
हिम्मत जुटा कर पूछा ,
"हुजुर !
चोर डाकू किडन्यापर सभी
कर रहे हैं अपने अपने व्यापार,
वे क्यों आयेंगे आपके पार्टी में
अपने अपने धंधे छोड़कर ?"
राजनीति का जोश ठण्डा पड गया
हिम्मत जुटा कर पूछा ,
"हुजुर !
चोर डाकू किडन्यापर सभी
कर रहे हैं अपने अपने व्यापार,
वे क्यों आयेंगे आपके पार्टी में
अपने अपने धंधे छोड़कर ?"
अधक्ष नेता जी गर्व से बोले
"हमारी पार्टी उन्ही की है ,
उन्ही की बहुमत है ,
यदि तुम्हे इस पार्टी का सदस्य बनना है
तो कुछ करो .
"हमारी पार्टी उन्ही की है ,
उन्ही की बहुमत है ,
यदि तुम्हे इस पार्टी का सदस्य बनना है
तो कुछ करो .
चोरी करो ,डाका डालो
अपहरण करो या कुछ और करो ,
और जब अपना नाम
समाचार पत्र या टी वी चेनल के
मोस्ट वांटेड में पाओ ,
तब आकर इस पार्टी का सदस्य बन जाओ ,
अभी तुम जाओ .
थके हारे पराजित सिपाही सी
निकल आये जोशी .
चुनाव सर पर था ,पर
आशा किरण न दिखा जरा सी .
कौन देगा टिकिट कौन बढ़ाएगा जोश
अपहरण करो या कुछ और करो ,
और जब अपना नाम
समाचार पत्र या टी वी चेनल के
मोस्ट वांटेड में पाओ ,
तब आकर इस पार्टी का सदस्य बन जाओ ,
अभी तुम जाओ .
थके हारे पराजित सिपाही सी
निकल आये जोशी .
चुनाव सर पर था ,पर
आशा किरण न दिखा जरा सी .
कौन देगा टिकिट कौन बढ़ाएगा जोश
हाँ एक और पार्टी रह गया है
नाम है समाज कल्याण कांग्रेस ,
इसका सिद्धांत है ......
"पार्टी समाज का अभिन्न अंग है
सदस्य पार्टी का अंग है
सदस्यों की कल्याण ही
समाज कल्याण है .
"इसका एक इतिहास है
उद्देश्य और कर्म का मिशाल है
देश को एक सूत्र में बांधना है
धर्म निरपेक्ष रहना हैl
छुआ छुट का ,ऊँच नीच का
नाम है समाज कल्याण कांग्रेस ,
इसका सिद्धांत है ......
"पार्टी समाज का अभिन्न अंग है
सदस्य पार्टी का अंग है
सदस्यों की कल्याण ही
समाज कल्याण है .
आपसी कल्याण करने वाले सदस्यों की
समूह ही समाज कल्याण कांग्रेस है .
समाज कल्याण कांग्रेस का कहना है समूह ही समाज कल्याण कांग्रेस है .
"इसका एक इतिहास है
उद्देश्य और कर्म का मिशाल है
देश को एक सूत्र में बांधना है
धर्म निरपेक्ष रहना हैl
छुआ छुट का ,ऊँच नीच का
मजदूर और मालिक का ,
भेद भाव मिटाना है .
" इस पार्टी में गुजारा मुश्किल है ,
सब ऊँचा या सब नीचा
कैसे हो सकता है
ऊँची जात, नीची जात
मजदूर और मालिक
एक जैसा कैसा हो सकता है
जोशी भ्रमित हुए
भेद भाव मिटाना है .
किसान को, देश को
खुशहाल बनाना है ."
जोशी सोचने लगा खुशहाल बनाना है ."
" इस पार्टी में गुजारा मुश्किल है ,
सब ऊँचा या सब नीचा
कैसे हो सकता है
ऊँची जात, नीची जात
मजदूर और मालिक
एक जैसा कैसा हो सकता है
जोशी भ्रमित हुए
पर करे तो करे क्या
किसी न किसी का दामन थामना है
चुनाव जो लड़ना है .
समाज कल्याण कांग्रेस में
वाक् इन इंटरव्यू चल रहा था
जोशी उम्मीदवारों की
कतार में खडा था .
तभी साक्षात्कार के बाद
एक दल बदलू नेता मुस्कुराते हुए निकला
जोशी लपक कर उनसे पूछ डाला
'उम्मीदवार की चुनाव का क्या प्राथमिकता "
किसी न किसी का दामन थामना है
चुनाव जो लड़ना है .
समाज कल्याण कांग्रेस में
वाक् इन इंटरव्यू चल रहा था
जोशी उम्मीदवारों की
कतार में खडा था .
तभी साक्षात्कार के बाद
एक दल बदलू नेता मुस्कुराते हुए निकला
जोशी लपक कर उनसे पूछ डाला
'उम्मीदवार की चुनाव का क्या प्राथमिकता "
दलबदलू नेता मुस्कुराते हुए बोला
"दलबदलुओं को प्रथम प्राथमिकता
द्वितीय है अभिनेता
तृतीय स्थान पर असामाजिक होना
"दलबदलुओं को प्रथम प्राथमिकता
द्वितीय है अभिनेता
तृतीय स्थान पर असामाजिक होना
चौथा होगा वह जिसका
बाप चाहे संत्री हो
पर माँ मंत्री हो ,
बाप चाहे संत्री हो
पर माँ मंत्री हो ,
मेरा तो चयन निश्चित है
क्योंकि दश वर्षों में मैंने
बारह पार्टी छोड़ी है
यह तेरहवीं पार्टी है और
इस पार्टी की तेरहवीं तक इसमें रहना है .l
क्योंकि दश वर्षों में मैंने
बारह पार्टी छोड़ी है
यह तेरहवीं पार्टी है और
इस पार्टी की तेरहवीं तक इसमें रहना है .l
जोशी सोचने लगा
"न तो वह दलबदलू नेता है
न खुद , न उनके सात पुस्तों में
कोई अभिनेता है l
"न तो वह दलबदलू नेता है
न खुद , न उनके सात पुस्तों में
कोई अभिनेता है l
चोर डाकू गुण्डा आदि
जितने है अस्समाजिक तत्त्व
कल्पना में भी नहीं सोचा था
राजनीति में कितना है उनका महत्व l"
निराश जोशी की आँखों में अँधेरा छा गया
थक कर बैठ गया और धरती पकड़ लिया
अब से' धरती पकड़' कहलाया l
कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
जितने है अस्समाजिक तत्त्व
कल्पना में भी नहीं सोचा था
राजनीति में कितना है उनका महत्व l"
निराश जोशी की आँखों में अँधेरा छा गया
थक कर बैठ गया और धरती पकड़ लिया
अब से' धरती पकड़' कहलाया l
कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
वाह ! बहुत खूब,सुंदर रचना...!
ReplyDeleteRECENT POST - फागुन की शाम.फागुन की शाम
सबके अपने अपने प्यारे
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (26-02-2014) को लेकिन गिद्ध समाज, बाज को गलत बताये; चर्चा मंच 1535 में "अद्यतन लिंक" पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर प्रस्तुति है आदरणीय-
ReplyDeleteआभार आपका-
धरती पकड़' accha likha hai ...talkh haqiqat hai
ReplyDeleteगहरे वंय्ग्य से लबरेज़ सुंदर प्रस्तुति।।।
ReplyDeleteचलिये किसी ने हिम्मत तो दिखाई
ReplyDeleteपोल खोल ,खटिया खड़ी करने की
सादर
ReplyDelete.-'^'-. Om
| = | Namah
| (@) | Shivaya:
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HAPPY MAHASHIVRATRI. '''''''' '''
सही समय आ चुका है
असीम योगी
त्र्यम्बक सत्य दर्शी
विघ्न हर लो ।