माँ शारदे !
जय माँ शारदे, जय माँ शारदे
मेरी जिंदगी में तू
नया साज़, संगीत भर दे ....,
तू ही मेधा, तू ही स्मृति
इड़ा पिंगला, तू ही धृति
स्मृत्ति के काले बादलों को हटा दे
मेरी जिंदगी में तू
नया साज़, संगीत भर दे ....,
तिमिर हारिणी, ज्ञान दायिनी माता
तू है स्वर, संगीत के जन्म दाता
तिमिर हर, ज्योति जला दे
मेरी जिंदगी में तू
नया साज़, संगीत भर दे ....,
वसंत पञ्चमी, आज तेरी पूजा
विषाद मन से, कैसे करूँ पूजा
विषाद हर, हर्ष भर दे
मेरी जिंदगी में तू
नया साज़, संगीत भर दे ...,
विवेक, वुद्धि, विचार दायिनी
तू है शब्द–शक्ति प्रदायिनी
मेरी सोच में संयम भर दे
मेरी जिंदगी में तू
नया साज़, संगीत भर दे ....,
जय माँ शारदे, जय माँ शारदे
मेरी जिंदगी में तू
नया साज़, संगीत भर दे ....,
कालीपद 'प्रसाद'
सर्वाधिकार सुरक्षित
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (14-02-2016) को "आजाद कलम" (चर्चा अंक-2252) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका आभार डॉ रूपचन्द्र शास्त्री जी
ReplyDeleteनमन करूं चरणन में माँ सरस्वती।
ReplyDeleteनमन करूं चरणन में माँ सरस्वती।
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