मित्रों ,
मेरे दो काव्य संग्रह अब बाज़ार में उपलब्ध हैं l प्रथम काव्य संग्रह का शीर्षक है “काव्य सौरभ” |.यह संग्रह प्रति दिन घट रहे घटनाएँ जो हम देखते है, सुनते हैं जैसे सामाजिक ,राजनैतिक, आध्यात्मिक, भ्रष्टाचार,व्याभिचार इत्यादि विषयों पर आधारित है| इसमें प्रेमाभिव्यक्ति है,घृणा है, व्यंग है, भाव है, भक्ति है ,प्रार्थना है |
द्वितीय काव्य संग्रह
है “अँधेरे से उजाले की ओर “| जैसा की इसका नाम है यह एक प्रेरणा दायक रचना है |
इसमें तीन भाग हैं| प्रथम भाग युवावों के लिए है ,दूसरा भाग प्रौड़ केलिए और तीसरा
भाग वृद्ध एवं आध्यात्मिक तत्त्व में रूचि रखने वालों के लिए है परन्तु सभी लोग
तीनों भागों का भरपूर आनन्द ले सकते हैं |
ये दोनों पुस्तके पुणे {महाराष्ट्र } और जयपुर
{राजस्थान} के “CROSS WORD “ बुक स्टोर , http://www.bookganga.com/eBooks/Books/details/4921894805939991869?BookName=Kavya-Sourabha
and http://www.amazon.in/dp/938431241X/ref=cm_sw_r_fa_dp_ksDRwb0Q83G8J
में उपलब्ध है | पुस्तक अधिक से अधिक लोगों तक
पहुंचे इसी दृष्टि से कीमत कम राखी गई है | प्रत्येक की कीमत केवल ९५/- रू है|
पुस्तक न मिलने की स्थिति में लेखक से संपर्क किया जा सकता है |
कालीपद ‘प्रसाद’
मोब: ०९४२३२४५०८६, ०९६५७९२७९३१ (दोनों पुस्तक के आर्डर पर डाक खर्च
फ्री )
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (23 -04-2016) को "एक सर्वहारा की मौत" (चर्चा अंक-2321) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
काव्य संग्रह के प्रकाशन पर आपको हार्दिक बधाई। अवश्य ही दोनों संग्रह बहुत अच्छे होंगें।
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