Thursday 26 July 2018

एक ग़ज़ल


वो सभी किस्से कहानी और है
ये बुढ़ापा की जवानी और है | १
मौज मस्ती की जवानी और है
सादगी की जिंदगानी और है |२
तारिकाएं खूब हैं संसार में
वो सितारे आसमानी और हैं |३
खत लिखा तू ने मिला मुझको अभी
रूबरू कहना जबानी और है |४
उसको’ समझाया बहुत, माना नहीं
अपने’ मन में उसने’ ठानी और है |५
कष्ट में उपकार करते लोग किंतु
आपकी यह मेहरबानी और है |६
बेइमानी एकसा है सब जगह
दोस्त की जो बेइमानी और है |७
चीख कर कोई बड़ा होता है’ क्या
शेर बब्बर खानदानी और है |८
कुछ कहें दिन, रात कहते और सब
यह फसाना है, बयानी और है | ९
फक्त अभिनंदन सभी करते यहाँ
दोस्त की तो मेजवानी और है |1१०
भारती में स्वाभिमानी अब कहाँ
फक्त ‘काली’ स्वाभिमानी और है |११
कालीपद प्रसाद'

1 comment:

  1. बहुत खूब लिखा है कालीपद जी

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