विश्वरुपे विशालाक्षी विद्याम देहि नमस्तुते !
सरस्वती वन्दना !
सरस्वती वन्दना !
हे माँ वीणा वादिनी शारदे !
शब्द ,भाव, भावना का वर दे ,
शब्द सुकोमल मन-भावन हो ,
भाव -गम्भीर , सद्-भावना हो ,
मानव मन के कलुष दूर कर दे
हे माँ वीणा वादिनी शारदे ! तू वर दे!!
नर -नारी सब त्रस्त हैं आज
भ्रष्टाचार , व्यभिचार, अत्याचार से
बेपरवाह नेताओं के निर्दयी उत्पीडन से
उन्हें दें कुछ सद वुद्धि, सहानुभूति,
कुछ जन कल्याण का भाव भर दे
हे माँ वीणा वादिनी शारदे ! तू वर दे!!
प्यार मुहब्बत सब रिश्ते
समाप्त हो रहे हैं एक एक कर के
जीवन के मूल्य ध्वस्त हो गए
उसमे कुछ जागृति ला दे।
मानव में मानवता का भाव भर दे
हे माँ वीणा वादिनी शारदे ! तू वर दे!!
स्वार्थ से उपजे हिंसा, द्वेष से
मानव मन भर गया तम से
स्वार्थ -हीन, ज्ञान- ज्योति जलाकर
अन्धकार को दूर कर दे
इस जग को दिव्य ज्ञान से, जगमग कर दे
हे माँ वीणा वादिनी शारदे ! तू वर दे!!
मैं "प्रसाद" बालक अवोध अज्ञानी
"कुछ पढूँ ,लिखूँ ", तृष्णा है मेरी
पर वुद्धि ,विवेक हैं पंगु मेरे
चलते हैं केवल तेरे सहारे
मुझ पर माँ इतना कृपा कर दे
तू मुझको तेरी लेखनी दे दे
हे माँ वीणा वादिनी शारदे ! तू वर दे!!
रचना : कालीपद "प्रसाद"
© सर्वाधिकार सुरक्षित
सुन्दर रचना !!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया -
ReplyDelete१५ को सरस्वती पूजा मन रहे हैं हम सब-
बढ़िया वंदना-
माँ वर दे-
बहुत बढ़िया माँ सरस्वती वंदना ,,,,माँ की कृपा हो ,,,,
ReplyDeleteRECENT POST... नवगीत,
sundar ,ma saraswati ki bhavpurn bandana,
ReplyDeleteसुंदर भाव और प्रार्थना ...!!
ReplyDeleteशुभकामनायें ...
बहुत सुन्दर प्रार्थना भावपूर्ण ..
ReplyDeleteएक कोकिला से दूसरी कोकिला तक - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआभार !
Deleteबहुत सुंदर प्रभाव शाली माँ सरस्वती स्तुति हेतु हार्दिक बधाई आपको
ReplyDeleteलोक कल्याण हित की गई सरस्वती वंदना .विद्या देवी वर दे .दुष्टता राजनीति के धंधे बाजों की हर ले .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रार्थना....
ReplyDeleteयही आस तो हम सभी लगाये बैठे हैं....
माँ की कृपा बनी रहे.
सादर
अनु
सुंदर स्तुति .... माँ शारदे को नमन
ReplyDeleteहे मां वीणा वादिनी शारदे !
शब्द भाव भावना का वर दे
शब्द सुकोमल मन-भावन हो
भाव-गम्भीर सद्भावना हो
मानव मन के कलुष दूर करदे
हे मां वीणा वादिनी शारदे ! तू वर दे !!
आदरणीय कालीपद प्रसाद जी
सुंदर सरस्वती वंदना लिखी आपने ...
साधुवाद !
मुझे अपनी लिखी एक वंदना याद आ गई ...
♥जय वागीशा हंसवाहिनी ,महाश्वेता ब्रह्मचारिणी !
नमो शारदे प्रज्ञा शुक्ला वीणा - वाङ्मय - धारिणी !!♥
बसंत पंचमी एवं
आने वाले सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
राजेन्द्र स्वर्णकार
राजेंद्र स्वर्णकार जी , टिप्पणी के लिए आभार . वेब में कुछ खराबी के कारण आपका सरस्वती वंदना पढ़ नहीं पाया , पढ़ कर बतायूँगा
Deleteहां ,
सरस्वती महाभागे विद्ये कमलो लोचने
विश्वरुपे विशालाक्षी विद्याम देहि नमस्तुते !
यह श्लोक किस ग्रंथ से है ...
जानने की जिज्ञासा है , क्योंकि मैं इसे मात्र दूसरी बार कहीं छपा हुआ देख रहा हूं ...
इसके स्रोत के बारे में जानने के लिए दो-चार जनों से बात भी की , शायद आप बता पाएं...
इस श्लोक का उद्गम स्थान के बारे में तो मुझे पता नहीं ,परन्तु पंडित श्री सुरेन्द्र नाथ भट्टाचार्य (प्रोफेसर ,darshan शास्त्र ,जादवपुर विश्व विद्यालय ,कलकाता ) द्वारा संकलित "सर्व देव देवी पूजा पद्धति " के अंतर्गत सरस्वती पूजा में पुष्पांजलि के लिए इसका उल्लेख हुआ है.
Delete'ॐ सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:
वेद -वेदांग -वेदांत विद्या स्थानेभ्य एव च .
ॐ सरस्वती महाभागे विद्ये कमल लोचने .
विश्वरुपे विशालाक्षी विद्यम देहि नमहस्तुते..
आदरणीय कालीपद प्रसाद जी
प्रणाम !
हृदय से आभारी हूं...
बरसों पहले मैंने कहीं यह श्लोक कैलेंडर के एक फटे हुए टुकड़े में देख कर नोट किया था , फिर ढूंढने पर भी कभी किसी अख़बार , पत्र-पत्रिका में नज़र नहीं आया ।
पुनः आभार !
ॐ सरस्वत्यै नम: !
बहुत सुंदर
ReplyDeleteबसंत पंचमी की शुभकामनाएं
bahut sundar prarthna ...
ReplyDeleteहे माँ वीणा वादिनी शारदे !
ReplyDeleteशब्द ,भाव, भावना का वर दे ,
शब्द सुकोमल मन-भावन हो ,
भाव -गम्भीर ,सद-भावना हो ,
मानव मन के कलुष दूर कर दे
हे माँ वीणा वादिनी शारदे ! तू वर दे
नि:शब्द करते भाव
आभार आपका इस उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिये
वर दे, वीणा वादिनी, वर दे।
ReplyDeleteवर दे, वीमाँ सरस्वती को नमन .....!!
ReplyDeleteदो सरस्वती वन्दना वादकों का वार्तालाप अच्छा लगा ....!!णा वादिनी, वर दे।
शुभ बसंत ....माँ सरस्वती को नमन
ReplyDeleteसुभाशीष बेटे. माँ सरस्वती तुम्हे आशीर्वाद दें !
Deleteशुभ वसंतपंचमी ! सुन्दर रचना, बधाई.
ReplyDelete..बेहतरीन रचना देने के लिए आभार
ReplyDeleteबसंत पंचमी की शुभकामनाएँ !!!
waah bahut acchi prarthnaa ....sabke liye ....
ReplyDeleteउम्दा वन्दना माँ सरस्वती की |
ReplyDeleteआशा
सुन्दर...सच्ची....सरस....प्रार्थना ....
ReplyDeletebahut sundar praarthana
ReplyDeleteअत्यंत सुंदर,समसामायिक प्रार्थना .....सरस्वती जी की और ज्ञान के बिन्दुओं पे आपका और राजेंद्र स्वर्णकार जी वार्तालाप अच्छा लगा .......अगर हो सके तो ये वंदना मुझे चाहिए अपने वार्षिक उत्सव में पढने के लिए .... कैसे मिल सकती हैं .बताइयेगा ... poonam.matia@gmail.com pe
ReplyDeleteNice information
ReplyDeletehtts://www.khabrinews86.com