चित्र गूगल साभार |
कानून मंत्री ने ,अपने केबिन में
बैठक बुलाया है,
सभी पार्टी के सरदारों को
न्योता भेजा है।
सम्बोधन में मंत्री जी ने
पहले सबको यूँ आगाह किया है ,
"यह संसद होंल नहीं ,
मेरा केबिन है।
यहाँ विरोध के लिए ही , विरोध नहीं करना
और यहाँ की कोई बात जनता को नहीं बताना ।
आपकी और हमारी फैयदे की बात है
इसलिए इसे पूर्ण रूप से गुप्त रखना।
बात यह है कि ..........
जनता माँग कर रही है
"भ्रष्टाचार ,अत्याचार ,बलात्कार बंद कराओ
इसके विरुद्ध कड़ा कानून बनाओ,
बलात्कारी को फाँसी दो ,
भ्रष्टाचारी ,अत्याचारी को जेल भिजवाओ "
हमने सोच समझकर कदम उठाए हैं
बलात्कार के लिए आयोग नियुक्त किया है
रिपोर्ट आने पर कड़ी कार्यवाही होगी
ऐसा आश्वासन देकर मामला को टाल दिया है।
अत्याचार हम करते नहीं ,
भ्रष्टाचार विरुद्ध कानून में
सोच समझकर पेंच डाल दिया है।
जरा ठन्डे दिमाग से सोचो
तुम्हारे घर में कितनी है सफ़ेद कमाई
और कितनी है काली कमाई ?
गर "जन लोकपाल "पास हो गया .......
जानते हो क्या होगा ?
सबने एक साथ पूछा ,"क्या होगा ......?
मंत्री जी बोले ...........
"तुम्हारी काली कमाई जाएगी सरकारी खजाने में
और तुम मेहमान बनोगे ,तिहाड़ जेल में।"
"नहीं .......नहीं .......नहीं .........कुछ करो
हम पर कृपा करो " बोले सब सरदार ,
मंत्री जी बोले ...
"तुम्हे घबराने की कुछ नहीं दरकार।
हम पर तुम भरोषा करो
हमने जो बिल पेश किया है ,उसे पास करो।
हमने उसमें ऐसा पेंच डाला है ,
शिकायत करने वालों पर
मुकदमा चलने का प्रवधान रखा है।
सभी मंत्री ,सांसद को मिलेगी सरकारी वकील
शिकायत करने वाले के सीने में ठुकेगी कील।
संसद में बहस के समय तुम कुछ भी बोलो
पर व्होटिंग के समय बिल के पक्ष में व्होट डालो।
बिल पास हो जाने दो ,फिर देखो
तुम्हारे ,हमारे ,सबके विरुद्ध
शिकायत करने वाले को चुन -चुनकर
जेल के अन्दर देखो।"
सबने अपने अपने गर्दन पाया फंदे में
डरकर आगये मंत्री जी के झांसे में
लोकसभा में मिलकर डाले व्होट पक्ष में
सरकारी बिल पास होगया एक झटके में।
कैमरा के आगे बुरा भला कहते रहे विपक्ष को
केबिन में जाकर ,हाथ मिलाकर ,गले मिलकर
बधाई देते रहे एक दुसरे को ,
भोली भाली जनता हमेशा अनभिज्ञ है ,
कभी न जान पाए,
हमारे नेताओं के चल,चलन,चरित्र को।
कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
कटु यथार्थ बयान करती सशक्त प्रस्तुति ! शानदार रचना !
ReplyDeleteहकीकत यही है !!
ReplyDeleteबहुत सही और सटीक.रचना..
ReplyDeleteबहुत ही सार्थक अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteतल्ख़ सच्चाई को वयां करती सटीक प्रस्तुति
ReplyDeleteहकीकत यही है राजनीतिक धंधे बाजों की .
ReplyDeleteहकीकत यही है राजनीतिक धंधे बाजों की .
Virendra Sharma @Veerubhai1947
असली उल्लू कौन ? http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/02/blog-post_5036.html …
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Virendra Sharma @Veerubhai1947
ram ram bhai मुखपृष्ठ शनिवार, 2 फरवरी 2013 Mystery of owls spinning their heads all the way around revealed http://veerubhai1947.blogspot.in/
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सब कुछ जनता जान गई ,इनके कर्म उजागर है
ReplyDeleteचुल्लू भर जनता के हिस्से,इनके हिस्से सागर है,
छल का सूरज डूबेगा , नई रौशनी आयेगी
अंधियारे बाटें है तुमने, जनता सबक सिखायेगी,,,,,,
RECENT POST शहीदों की याद में,
कटु सत्य कहती बहुत ही सटीक अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteसटीक, प्रभावी अभिव्यक्ति
ReplyDeleteये अन्दर की बातें हैं पर जनता भी इतनी भोली नहीं है ये पब्लिक है सब जानती है ,बहुत सार्थक प्रस्तुति
ReplyDeleteबड़ी सधी हुयी बात की है..
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteसच्चाई
आज तो जनता भी येहकीकत जान गयी है।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteएकदम सही कहा आपने
ReplyDeleteअब आमजन को इन नेताओं की सच्चाई
मालूम होचली है सब समझती है जनता
सार्थक अभिव्यक्ति
कडुवे सच को वाजिब शब्द दिए हैं ...
ReplyDeleteये नहीं सुदरने वाले ...
आज का सच...
ReplyDeletesach mey aaj ka kadva satya yahin hain.....hamare peeth par khanjar bhokte hain hain ye
ReplyDeleteसटीक कटाक्ष. पक्ष हों या विपक्ष, सबके अपने अपने दांव... अच्छी रचना, बधाई.
ReplyDeleteNice!
ReplyDeletehttp://voice-brijesh.blogspot.com
तीखा सटीक व्यंग्य
ReplyDeleteसादर !
Aak ki halato par Steek vyang... bhai..
ReplyDeletehttp://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post.html
बहुत हुआ नारा जनता के भोलेपन का
ReplyDeleteइतने भी भोले नहीं हम,वरना
था किसमें साहस फिर-फिर छलने का!
sateek prastuti..
ReplyDeleteहकीकत से रू-ब-रू कराती आपकी यह अभिव्यक्ति
ReplyDeleteआभार
aabhar! aap bahut din baad aayi mere blog par .aap thik hai?
Delete...इस व्यंग्य द्वारा आपने कितना बड़ा पर्दाफाश किया है!...आभार!
ReplyDeleteVery nice poetry.
ReplyDeletehttp://sarikkhan.blogspot.in/
देवी सिद्धिदात्री माता -दिवस की वधाई !
ReplyDeleteअच्छा और सटीक व्यंग्य है !