बादल तू जल्दी आना रे!
ऐ ! पावस का पहला बादल
तू जल्दी आना रे ,
आग में झुलसती धरती को
तू शीतल कर जा रे।
धधकती आग रवि का तू
अपना आब से बुझा जा रे ,
प्यासी धरती की प्यास को
शीतल जल से बुझा जा रे।
रिमझिम रिमझिम बरसना तुम
टूटकर ना बरसना रे ,
जाग उठेगा सुप्त-मुमूर्ष तृणमूल
तेरा अमृत पय पीकर वे ,
त्राहि त्राहि पुकारते प्राणी को तुम
रक्षा करो रवि के प्रहार से ,
बना दो एक बार फिर दुल्हन धरती को
श्रृंगार करो हरे गहनों से।
स्वागत में तुम्हारे पीक नाचेंगे वन उपवन में
बच्चे नाचेंगे खेत खलियानों में,
खेतिहर झूम उठेंगे उन्मुक्त ख़ुशी में
हल जोतेंगे खेतो में।
जीव जगत की जान हो तुम
सबकी जान बसी है तुम में,
प्यासी धरती की प्यास बुझाने
तुम देर ना करो आने में।
खेतो में जब लहराते फसलें होंगे
हरी ओढ़नी की घूँघट धरती की ,
स्वागत होगा नई नवेली दुल्हन की
तुम्हे मिलेगी दुआएं धरतीवालों की।
तुम गरजना कम बरसना ज्यादा
पर छेद ना करना अम्बर में,
काल वैशाखी का तूफ़ान ना लाना
तारीफ़ है संयम से बरसने में।
झूम झूम कर बरसना तुम
आषाढ़ सावन के महीने में,
पर धरतीवासियों का ख्याल रखना तुम
खुशियाँ ना बह जाये तुम्हारे बाढ़ों में।
आश्विन कार्तिक में फसल पकेंगे
उस समय ज्यादा ना बरसना ,
किसान का मेहनत बेकार जायगा
व्यर्थ होगा तुम्हारा आना जाना।
शरद-हेमंत के कपसिले बादल बनकर
रवि को ढक कर रखना,
किसान काटेगा फसल दोपहरी को
उनको शीतल छाया देना।
शीत-वसंत में तुम घर लौट जाना
अपनों से मिल कर आना ,
इन्तेजार करेंगे हमसब तुम्हारा
पावस में फिर लौट कर आना।
शब्दार्थ :आब =पानी
रचना : कालिपद "प्रसाद"
सर्वाधिकार सुरक्षित
sundar manuhar ,badlon ko aamantrit karti sundar rachna ,(new post-naya mahtab nikla hai )
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्यारी रचना,,,
ReplyDeleteRecent post: जनता सबक सिखायेगी...
बहुत मनमोहक वर्षा आमंत्रण !! सुंदर प्रस्तुति!! मेरा पोस्ट ' देश की आवाज बन सकते हैं हम 'भी पढ़े.
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति
ReplyDeleteसुन्दर और सटीक रचना क्योंकि झुलसाती गर्मी से कोई राहत दिला सकता है तो वो बादल ही है !!
ReplyDeleteसामयिक सार्थक खूबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeletesundar pukar....aur manuhar.....
ReplyDeleteअच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
वाह ... बहुत ही बढिया ..अभिव्यक्ति
ReplyDeleteये तो यथार्थ ही है और आप की सुन्दर प्रस्तुति |
ReplyDeleteवाह बहुत ही सार्थक प्रस्तुति ! आपने कालीदास के मेघदूत की याद दिला दी ! बहुत सुंदर रचना !
ReplyDeleteaamin .....
ReplyDeletekash ki aisa ho ...
आपने लिखा....
ReplyDeleteहमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए शनिवार 25/05/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
आपका आभार यशोदा जी !
Deleteअब तो तप लिये, जल्दी ही आ जाये तो चैन पडे.
ReplyDeleteरामराम.
अब पूरी उम्मीद है कि बारिश के बादल आयेंगे .....सुंदर रचना |
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अरुणिमा सिन्हा को सलाम - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआपका आभार !
Deleteलाजवाब अभिव्यक्ति | बहुत सुन्दर | आभार
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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आरे बादल कारे बादल गर्मी दूर भगा रे बादल..अब तो बादल को तरस गए..सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteबरसो राम धड़ाके से !
ReplyDeleteसुंदर रचना।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और लाजबाब अभिव्यक्ति,धन्यबाद.
ReplyDeleteएक तुम्ही तो सच्ची हो,
ReplyDeleteगर्मी तुम कितनी अच्छी हो,
ये बताओ, इस जग का कब उद्धार करोगी,
हर बार ४७-४८ पर जाकर अटक जाती हो,
मोहतरमा तुम ५० डिग्री कब पार करोगी ?
.सब झुलस रहे हैं गर्मी से .......वर्षा को आमंत्रित करती सुन्दर प्रस्तुति ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता..... बर्षा को तो हम भी बुला रहे हैं...
ReplyDelete:)
बहुत खूब .....आज गर्मी को देखते हुए एक सार्थक रचना
ReplyDeleteसामयिक रचना
ReplyDeleteआपकी यह रचना कल रविवार (26 -05-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
ReplyDeleteसुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteजरूर देखें- मेरी बेटी शाम्भवी का कविता-पाठ
गर्मी में ठंड का एहसास .....
ReplyDeleteबादल तू जल्दी आना रे-------
ReplyDeleteक्या सुंदर अहसास और इस अहसास की सुंदर अनुभूति
बहुत खूब रचना
सादर
आग्रह हैं पढ़े
ओ मेरी सुबह--
http://jyoti-khare.blogspot.in
वर्षा रानी को नेह निमंत्रण कुछ सुझाव के साथ
ReplyDeleteसुन्दर रचना
आज प्रतीक्षित प्रथम फुहार।
ReplyDeleteबहुत ही खूब चित्रण sir ,बधाई
ReplyDeleteबहुप्रतीक्षित आह्वान. अब गर्मी भी नाकाबिले बर्दास्त हो चुकी है. सुंदर कविता
ReplyDeleteExcellent stuff !
ReplyDeleteवर्षा के इस आमंत्रण को वर्षा ठुकरा नहीं पाएगी ...
ReplyDeleteजल्दी ही चली आएगी ...
bahut sunder rachna
ReplyDeleteshubhkamnayen
इतना प्यार भरा आपका आमंत्रण स्वागत योग्य है .....
ReplyDeleteशुभकामनायें !