चित्र गूगल से साभार (आपत्ति होने पर हटा दिया जायगा ) |
पांच साल का शासन समाप्त हुआ
नव चुनाव का आगमन हुआ
चुनाव आयोग ने चुनाव की रणभेरी बजा दी
नेतायों में खलबली मचा दी |
बातानुकुलित कमरे में आराम करने वाले
मंत्री जी का भाषण और दौरा शुरू हुआ ,
गली गली ,मुहल्ले मुहल्ले का
ऐसा चक्कर लगाया ..........कि
गली का आँवारा कुत्ता भी मात खा गया |
मंच पर खड़ा होकर माइक पकड़ लिया
बोले, "भाइयों-बहनों ,काम हमने बहुत किया
पर कुछ काम बाकि रह गया ....
हमको एकबार फिरसे व्होट दीजिये
प्रचण्ड बहुमत से जिताइये
हमारे अधूरे काम को पूरा करने का
एक और मौका दीजिये |"
जनता में से एक व्यक्ति खड़ा हो गया
मंच पर आकर मंत्री से माइक ले लिया
बोला,"मंत्री जी ठीक कहरहे है
इनके कई काम अधूरे रह गए है
मैं एक एक कर आपको बताता हूँ ,आप सुनिए
बाद में मत्री जी को ही व्होट दीजिये |
पिछले चुनाव के बाद ,हम सबका
जेब खाली कर चूका है देकर
पेट्रोल,गैस,डीज़ल का झटका ,
जमाखोरों को छुट देकर
चुनाव का फंड इकठ्ठा किया है
प्याज का भाव बढाकर
जनता को खून का आंसू रुलाया है |
पहले खाते थे आप- हम दाल,भात, सब्जी
अब केवल चख लेते हैं ,महान कृपा हैं इनकी |
सात पुस्तों केलिए माल इकठ्ठा कर लिए हैं
आठवां पुस्त अभी पैदा हुआ है
उनके लिए भी कुछ कमाना है
तभी तो यह चुनाव जितना जरुरी है |
नेताजी बड़े काबिल मंत्री हैं
इनके बराबर कोई घपला बाज नहीं है
ताबूत का कफ़न ओड़कर पनडुब्बी दुबोया है
घटिया चापर क्रय में बड़ा कमीसन खाया है
कोयला के आग में पकाकर टू जी को हजम किया है
और किसी को कानो कान खबर होने नहीं दिया है|
अगलीबार उन्हें पानी के जहाज को उडाना है
हवाई जहाज आधा डूबा है ,पूरा डुबाना है
देश को विदेशी कंपनी के हाथ बेचना है
बातचीत चल रही है ,काम अधुरा है
कमीसन पर बात अटकी हुई है|
जनता के सेवा में भूखे नंगे बन गए हैं
मांग रहे हैं व्होट , बेचारे बेशर्म भिखारी हो गए हैं |
उदार हैं आप ,कमज़र्फ कंजूस न बनिए
उन्हें एक बार फिर व्होट दीजिये
इनके अधूरे काम को पूरा करने दीजिये |
इनको व्होट देकर अपना चमन को
उजाड़ने का इंतजाम कर लीजिये |
महान देश हैं! नेता आदर्श है
आदर्श से आदर्श को चाट जाते हैं
आदर्श नेता हो या आदर्श अफ़सर, सब एक हैं
जनता हो या फौजी जवान हो
बेशर्म सबको धोखा देते हैं |
कालीपद "प्रसाद"
©सर्वाधिकार सुरक्षित
सटीक प्रस्तुति ।।
ReplyDeleteसुंदर !
ReplyDeleteबढ़िया,,,,सटीक अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteसादर
अनु
बहुत धारदार.
ReplyDeleteरामराम.
मेरे अधिकार में होता …। एक एक को बीच चौराहे पर फांसी देती ....
ReplyDeleteचुनाव के पहले हम जितने कागज़ काला कर लें
कुछ बदलने वाला नहीं
विभारानी जी आपको और हमको कुछ करने की जरुरत नहीं होगी ,इनके कर्म ही इनको ले डूबेंगे ,समय का इन्तेजार है !
Deleteवास्तविकता में अच्छी व सटीक अभिव्यक्ति सर
ReplyDeleteनया प्रकाशन --: जानिये क्या है "बमिताल"?
बहुत ही बेहतरीन और सटीक अभिव्यक्ति....
ReplyDelete:-)
सुन्दर प्रस्तुति-
ReplyDeleteआभार आपका-
आज का वोट ....सटीक चोट !
ReplyDeleteबढ़िया है |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteधारदार कटाक्ष...
ReplyDeleteवाह सटीक
ReplyDeleteसुन्दर ,सटीक और जोरदार
ReplyDeleteबहुत ही सटीक और दमदार रचना , काश ! आपकी रचना पढ़कर कोई नेता जग उठे और देश का कुछ भला ही हो जाए । सादर ।
ReplyDeleteबहुत ..बढ़िया प्रस्तुति।
ReplyDeleteसुंदर सटीक अभिव्यक्ति..!
ReplyDeleteRECENT POST -: कामयाबी.
nc पोस्ट सर !
ReplyDeleteलेटेस्ट पोस्ट ------- कबीर/ग़ालिब(1-4)
उफ़ ! ऐसे में जनता किसे वोट दे...
ReplyDeleteजबरदस्त चोट किया है आपने. बहुत सुन्दर.
ReplyDeletesateek rachna
ReplyDeleteनेता जी अपना काम कर रहे अहिं .. अब जनता की बारी है अपना काम करने की ...
ReplyDeleteअपनी कलम की धार से सटीक वार किया है आपने इन धूर्त नेताओं पर ! इतने बढ़िया व्यंग के लिये आपको बहुत-बहुत साधुवाद !
ReplyDeleteसभी लोगो से सहमत.
ReplyDeleteसादर.
हा हा हा ...बढ़िया कटाक्ष
ReplyDeleteबिल्कुल सटीक अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन और सटीक अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteसार्थक और सटीक रचना | सादर
ReplyDeleteअति सुन्दर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...
ReplyDeletehttp://hindibloggerscaupala.blogspot.in/ शुक्रवारीय अंक ४४ दिनाक १५/११/२०१३ में आपकी इस पोस्ट को शामिल किया गया हैं कृपया अवलोकन हेतु पधारे धन्यवाद
ReplyDeleteसर महिषासुर की link दे दीजिये मुझे plz
ReplyDeleteब्लॉग पर आपके लिए ---
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