तमन्ना है दीदार करूँ,
मुस्कुराता चेहरा तेरा
देख तनी भृकुटी तेरी, है होश उड़ जाता मेरा |
गर थोडा हँसकर बोल दे,क्या
बिगड़ेगा तेरा ?
बहार आएगी ,गुल चमन
में खिलेगा मेरा !
नकली ही सही,दो लफ्ज मीठे
बोलकर देखो
तुम पर जिंदगी कुर्बान, यह है वादा मेरा !
एकबार हाथ, मेरे हाथ में
देकर तो देखो
नहीं छूटेगा जिंदगी भर ,यह है वादा मेरा !
छोड़ संकोच,नाराजगी तुम, कदम
बढ़ा के देखो
यकीं है तुम मेरी दुल्हन
बनोगी, विश्वास सदा मेरा |
कालीपद "प्रसाद"
सर्वाधिकार सुरक्षित
बढ़िया ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
ReplyDeleteबहुत खूब कही!
ReplyDeleteसुन्दर रचना !
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है !
उम्दा रचना है
ReplyDeleteवाह ... लाजवाब प्रस्तुति ...
ReplyDeletebahut lajawaab prastuti
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