Friday, 16 January 2015

सूर्य पर्व -मकर संक्रांति

मकर संक्रांति चला गया ! व्यस्तता के कारण ब्लॉग में कुछ न लिख पाया न शुभकामनाएं दे पाया ! मित्रों ,मेरा विश्वास है कि शुभकामनाएं तो कभी भी दिया जा सकता है ,इसीलिए आप सबको मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ !इसी अवसर लिखे कुछ पक्तियां पेश कर रहा हूँ |


अनादि काल से जल रहे है
बिखेर रहे हैं प्रकाश ,
जहाँ भी अँधेरा है 
उसका कर रहे हैं नाश |
आकाश पथ पर करते भ्रमण 
धरा पर कृपा विशेष ,
जीवन को किया प्रष्फुटित
देकर सतत ऊर्जा अशेष |
जीवन मरण में आदित्य का 
अवदान है अपार ,
सर्द मौसम में जीव जगत को
प्रिय है रवि का रश्मि प्रहार |
सूर्य-पर्व पर रवि करते है 
मकर राशि में प्रवेश 
मकर संक्रांति का उत्सव 
मनाते हैं हमारा भारत देश |

मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं |

कालीपद "प्रसाद "

7 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति मकरसंक्रांति की शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  2. सार्थक प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (17-01-2015) को "सत्तर साला राजनीति के दंश" (चर्चा - 1861)7 पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  3. आपका आभार डॉ रूपचंद्र शास्त्री जी !

    ReplyDelete
  4. बहुत सुन्दर रचना
    आपको भी पर्व की हार्दिक शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    मकरसंक्रान्ति की शुभकामनायें...

    ReplyDelete