आज वसंत पंचमी है l आज ही विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती की पूजा होती है | भारत के पूर्वी भाग, विशेषकर आसाम ,त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में सरस्वती पूजा धूम धाम से की जाती है | विद्यालयों मेंभी पूजा होती है |प्रार्थना की जाती है | हमने भी प्रार्थना की ,उसे आपके साथ साझा कर रहा हूँ |
माँ तू मुझे कुछ ऐसे वर दे
करूँ मैं कुछ काम ऐसे कि
जन-मन-तम दूर कर सकूँ l
माँ तू मुझे कुछ ऐसे वर दे
मुझ में हो बल-बुद्धि-विवेक इतना
मैं दुखियों का दुःख दूर कर सकूँ l
माँ तू मुझे कुछ ऐसे वर दे
मेरी वाणी में इतना ओज भर दे
भ्रमित जन का भ्रम दूर कर सकूँ l
माँ तू मुझे कुछ ऐसे वर दे
बोलूं मैं कुछ सांत्वना के बोल,कि
निराश,भयार्तों में आत्मविश्वास भर सकूँ l
माँ तू मुझे कुछ ऐसे वर दे
शिशु के स्वच्छ,धवल हृद-पट पर
सत्य,अहिंस्या
का रंग भर सकूँ lकालीपद "प्रसाद"
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बहुत सुन्दर .वसंत पंचमी की शुभकामनाएं !
ReplyDeleteनई पोस्ट : वसंत में बौराया है मन
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआमीन ... बहुत ही मधुर रचना माँ के वंदन में ....
ReplyDeleteवसंत पंचमी की शुभकामनायें ...
बहुत सुन्दर...बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (25-01-2015) को "मुखर होती एक मूक वेदना" (चर्चा-1869) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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बसन्तपञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपका आभार डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' जी !
ReplyDeleteमाँ शारदे की सुंदर आराधना...मंगलकामनाएँ!!
ReplyDeleteबसंतपंचमी की शुभकामनाएं
ReplyDeleteमाँ सरस्वती की बहुत सुन्दर शब्दों और भावों से वंदना की है आपने … मंगलकामनाएं
ReplyDeletesundar soch...
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