ॐ गं गणपतये नम:
जय जय जय गणपति, जय
निधिपति
जय जय जय विघ्नहन्ता, जय ब्रातपति |
एकदन्त गजकर्ण, दिव्य गज मुंडधारी
मोदक प्रिय सिद्धिदाता, मूषक सवारी |
विघ्ननाशक विनायक, जय मंगल मूर्ति
सौभाग्य संपत्ति दाता, गौरीपुत्र गणपति |
भाद्र मास, शुक्ल पक्ष, तिथि है चतुर्थी
गणेश जी का जन्मदिन पावन चतुर्थी |
वसंत में टेसू का फुल, पतझड़ में नवांकुर
कष्टहारी आनंद सागर, मुमूर्ष में आशान्कुर |
गणाध्यक्ष गणदेवता, ज्ञान वुद्धि विद्या दाता
सृष्टि-स्थिति, रिद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ प्रदाता |
जय जय जय गणपति, जय निधिपति
जय जय जय विघ्नहन्ता, जय ब्रातपति |
कालीपद ‘प्रसाद’
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आपका आभार राजेंद्र कुमार जी !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गणपति वंदना
ReplyDeleteश्री गणेश जन्मोत्सव की हार्दिक मंगलकामनाएं!
सुंदर गणेश स्तवन। गणेश उत्सव की मंगल कामनाएँ।
ReplyDeleteसुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार....
गंपतिबप्पा मोरया ! जय जय जय जय गणेश जय गणेश देवा !
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