हम हैं जवान रक्षक देश के, अडिग जानो हमारा अहद,
प्रबल चेतावनी समझो इसे, भूलकर पार
करना न सरहद |
अत्याचार किया अबतक तुमने, हमने भी
सहन किया बेहद,
सर्जिकल का नमूना तो देखा, अब तो
पहचानो अपनी हद |
मानकर तुम्हे पडोसी हमने, दिया तुम्हे
समुचित मान ,
उदारता को तुम कमजोरी समझे, हमारी
शक्ति का नहीं ज्ञान |
याद करो इकहत्तर की लड़ाई, बांग्ला देश
हुआ था तब आज़ाद,
अब लड़ोगे तो जायगा बलूच हाथ से, तुम
हो जाओगे बर्बाद |
लड़ाई की धमकी देतो हो किन्तु, अंजाम
का कुछ नहीं है ज्ञान,
नक़्शे पर कहीं नहीं होगा तब, पाकिस्तान
का नामो निशान |
सोचो, बदल जाय माली अगर, कब्जे वाले पश्चिम
काश्मीर का
क्या होगा अंजाम तब , पाक पोषित घृणित
आतंक का ?
भोले भाले नौजवान आते, सजोये अपने
सपनों की पालकी
पिलाकर जेहाद का भ्रमित विष, उन सबको
बना देते हो आतंकी |
सरहद पार भारत में आकर वे जब करते हैं
आतंकी उत्पात
अकाल मृत्यु सब करते हैं प्राप्त,
होता परिवार पर उल्कापात |
सुनो, संभल जाओ, अभी समय है, बन जाओ
अब थोड़ा अकल्मन्द
खड़े वीर जवान सरहद पर हमारे, अभेद्य,
सुरक्षित है हमारी सरहद |
© कालीपद ‘प्रसाद’
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल रविवार (23-10-2016) के चर्चा मंच "अर्जुन बिना धनुष तीर, राम नाम की शक्ति" {चर्चा अंक- 2504} पर भी होगी!
ReplyDeleteअहोई अष्टमी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल रविवार (23-10-2016) के चर्चा मंच "अर्जुन बिना धनुष तीर, राम नाम की शक्ति" {चर्चा अंक- 2504} पर भी होगी!
ReplyDeleteअहोई अष्टमी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत ही उम्दा ..... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .... Thanks for sharing this!! :) :)
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