समय तो अपनी गति से ही आगे बढ़ता है लेकिन हमें लगता है कि समय बहुत जल्दी बीत गया। मुझे भी आज ऐसा लग रहा है कि एक साल कितने जल्दी बीत गया। गत वर्ष सोलह अप्रैल को मैंने अपना ब्लॉग "मेरे विचार मेरी अनुभूति "शुरू किया था। समझ में नहीं आ रहा था कि पहले पोस्ट में क्या लिखूं ? तब ईश्वर को याद किया, लेकिन ईश्वर कौन है ? कहाँ रहते हैं? कैसा स्वरुप है ? कुछ पता नहीं। तभी मन में विचार आया , क्यों न यही प्रश्न ज्ञानी-गुणीजनों से पूछा जाय ? बस इसीपर कुछ पंक्तियाँ लिखकर पोस्ट किया था परन्तु किसीने शायद नहीं देखा क्योंकि मैंने इसे साझा नहीं किया था। मुझे साझा करना नहीं आता था इसलिए साझा नहीं किया था। हँसी की बात है न ? मुझे भी हँसी आती है पुरानी बात याद करके। खैर सत्रह अप्रैल को मैंने "शिर्डी साईँ बाबा " के एक आरती(भजन) पब्लिश किया। उसे भी किसी ने नहीं देखा, कारण वही कि मैंने साझा नहीं किया था। आज एकवर्ष पूरा होने पर मैं उसी आरती को फिरसे पब्लिश कर रहा हूँ और साझा भी कर रहा हूँ। इस एक वर्ष में कई लोगो से टेलेफोन पर बातचीत हुई। रविकर जी ,धीरेन्द्र सिंह भदौरिया जी , रश्मि प्रभाजी , कुमार कुसुमेश जी , पूरण खंडेलवाल जी के सुझाव से ब्लॉग को विकसित करने और सही रूप देने में मदत मिली।मैं उन सबका आभारी हूँ।इस एक वर्ष में जिन लोगों ने मेरे ब्लोग्स को अनुशरण किया ,जिन्होंने मेरी रचनायों को पढ़ा और सलाह दी , आलोचना और सृजनात्मक टिप्पणियां देकर मुझे प्रोत्साहित किया , उन सबको मैं तह ए दिल से धन्यवाद देता हूँ । आशा करता हूँ आगे भी आपकी अनुकम्पा बनी रहेगी। नए पाठकों और ब्लोगरों का हमेशा मेरे ब्लॉग में हार्दिक स्वागत है। आप जैसे प्रबुद्ध पाठकों की सृजनात्मक टिप्पणियां और आलोचना ही मेरा मार्ग दर्शक हैं। आपके सहयोग की कामना हमेशा करता रहूँगा। अब आप ब्लॉग की वर्षगांठ पर "शिरडी साईँ बाबा " की आरती को पढ़िए। इसको पढना ही प्रार्थना करना है। नवसंवत्सर में "साईं बाबा " आप और हम ,सबका कल्याण करें।
सभी चित्र गूगल से साभार |
आओ साईं नाथा , आओ साईं नाथा ,
मेरे मन मंदिर में बसों साईं नाथा .
मुझको अपने शरण में ले लो साईं नाथा
साष्टांग प्रणाम तुम्हे मेरे साईं नाथा !
ज्ञान हीन, भक्ति हीन, तंत्र मंत्र हीन मैं
क्या करूँ, कैसे पूजूं , समझ नहीं आता
निज इच्छा करो कृपा दयामय दाता
निज इच्छा करो कृपा दयामय दाता
साष्टांग प्रणाम तुम्हे मेरे साईं नाथा !
दीनबंधु करुनासिंधु भक्त पीड़ा हन्ता
तुम ही बंधू, तुम ही सखा, तुमही माता-पिता
जग में सभी भीखारी है दाता साईं नाथा
जग में सभी भीखारी है दाता साईं नाथा
साष्टांग प्रणाम तुम्हे मेरे साईं नाथा !
तुम्ही हन्ता तुम्ही पालक तुम्ही रचयिता
तुम्ही हर तुम्ही हरि तुम ही हो विधाता
जग में तेरी इच्छा से ही सब कुछ होता
साष्टांग प्रणाम तुम्हे मेरे साईं नाथा !
जप तप हीन मैं कुछ नहीं आता
अहर्निशी अनगिनित गलती मैं करता
माफ करो गलती मेरे तुमहो विधाता
साष्टांग प्रणाम तुम्हे मेरे साईं नाथा !
लीला धर लीला हेतु फकीर रूप धरा
तेरी कृपा पाकर रंक कुबेर बन गया जो जैसा मागें वह वैसा ही पाता
साष्टांग प्रणाम तुम्हे मेरे साईं नाथा !
राजा या रंक हो साधू या संत हो ,
साईं तेरी दरवार में सदा चाकरी करता
तुही प्रेरणा तुही कर्ता तुही फल दाता
साष्टांग प्रणाम तुम्हे मेरे साईं नाथा !
दुःखहारी भयहारी पीड़ा हारी साईं
मेरी पीड़ा हरो तुम अन्तर्यामी साईं
कोई नहीं और मेरा किस से कहूँ व्याथा
साष्टांग प्रणाम तुम्हे मेरे साईं नाथा !
फल-फूल, दुर्बा-दल से पूजूं साईं नाथा
पञ्च नदी जल मैं कहो कहाँ से लाता
अश्रु जल से चरण तुम्हारे धोउं साईं नाथा
साष्टांग प्रणाम तुम्हे मेरे साईं नाथा !
Rachna : Kalipad "Prasad" (कालीपद "प्रसाद ")
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ढेर सारी बधाइयाँ आपको
ReplyDeleteबाबा को नमन
खुश रहो बेटे ,बाबा तुम्हारा कल्याण करे !
Deletebadhai.......
ReplyDeleteआभार डॉ निशा जी ,
Deleteबहुत ही सुन्दर आरती,बाबा सबकी मनोकामनाएँ पूरी करें.
ReplyDeleteआभार राजेन्द्र जी
Deleteबधाई
ReplyDeleteसतत लेखन की शुभकामनायें
आभार मोनिका जी !
Deleteब्लॉग के एक वर्ष पूरा करने पर बधाई और शुभकामनायें ॥
ReplyDeleteआरती बहुत अच्छी लगी
आभार संगीता जी!
Deleteब्लॉग के एक वर्ष पूरा करने पर बधाई और शुभकामनायें ॥
ReplyDeleteआभार संजय जी !
Deleteब्लॉग के एक वर्ष पूरा करने पर बधाई और शुभकामनायें ॥
ReplyDeleteब्लॉग की वर्षगाँठ की ढेर सारी बधाई....
ReplyDeleteआशा है यूँ ही आपका लेखन जारी रहेगा और हम पाठक इसका रस लेते रहेंगे...
बाबा की आरती पढ़ मन प्रसन्न हो गया..
सादर
अनु
आभार अनु जी !
Deleteॐ साई ॐ साई ॐ साई राम ॐ ........
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई !!
ढेरों शुभकामनायें ..............
आभार विभा रानी जी !
Deleteआपको बहुत बहुत बधाई !
ReplyDeleteआभार रंजना जी !
Deleteआपके ब्लॉग के एक साल पूरा होने पर हार्दिक बधाई !!
ReplyDeleteसादर आभार !!
आभार पूरण खंडेलवाल जी !
Deletebadhaii safar nirantar chale
ReplyDeleteआभार रचना जी !
Deleteजय साईं नाथ
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें
आभार ज्योति खरे जी !
Deleteब्लॉग के एक वर्ष पूरे होने पर बहुत-बहुत बधाई ... आपको
ReplyDeleteसादर
आभार सदा जी !
Deleteॐ साईं राम | बहुत अच्छा लेखन | साईं कृपा सभी पर ऐसे ही बरसती रहे और सभी जन का जीवन मंगलमय हो | आभार
ReplyDeleteआभार तुषार राज जी !
Deleteसाईं कृपा से आपने एक वर्ष देखते देखते ही पार कर लिया ...
ReplyDeleteआगे भी कृपा बनी रहे ... बधाई ..
आभार दिगंबर नासवा जी !
Deleteबस सांई की कृपा बनी रहे,लेखन यूँ निर्बाध चलता रहे,ब्लागिंग करते एक वर्ष पूरा करने के लिए बधाई शुभकामनाए,,,
ReplyDeleteRECENT POST : क्यूँ चुप हो कुछ बोलो श्वेता.
आभार धीरेन्द्र सिंह जी !
Delete
ReplyDeleteदेवी कात्यायिनीमाता-दिवस की वधाई ! बाबा साईनाथ की जय !!
ब्लॉग की वर्षगांठ की वधाई !!
भक्ति-भावना-पूर्ण भजन के लिये शुभकामना !!
आभार देवदत्त प्रसून जी !
Deleteबधाई और शुभकामनायें
ReplyDeleteआभार अजीज़ जौनपुरी जी
Deleteसुन्दर भाव और व्यंजना लिए है आरती .
ReplyDeleteसबसे पहले खुद का परिचय हो फिर ईश्वर का .मैं एक ज्योति स्वरूप आत्मा हूँ .चैतन्य परमात्मा निराकार शिव का शिवत्व ,शान्ति ,आनंद ,ज्ञान ,प्रेम मेरा मूल स्वभाव है और आवास है पर लोक /ब्रह्मलोक /मुक्ति धाम /परमधाम .
वाही परमात्मा शिव का स्थाई आवास है .नेचुरल हैबिटाट है .शिव परमात्मा का गुण वाचक नाम है ,जो सदा ही चैतन्य है सुख करता है अजन्मा है ,गुण ज्ञान शान्ति का सागर है वाही निराकार ज्योति स्वरूप शिव परमात्मा हम आत्माओं का आत्मिक पिता है .ज्ञान दाता.ब्रह्मा -विष्णु -महेश उसकी रचना हैं ,वह रचता है इसीलिए त्रिपुरारी भी कहाता है .सर्वत्र उसी का गायन है रामेश्वरम से लेकर अमर नाथ तक मक्का से मदीना तक ,येरुशलम भी उसी से तीर्थ कहाता है .बोध गया भी .उसी से योग आत्मा को संपुष्ट करता है .ॐ शान्ति .
बहुत अच्छा व्याख्या, आभार वीरेंद्र कुमार जी
Deleteब्लॉग जयंती मुबारक .
ReplyDeleteआभार वीरेंद्र कुमार जी
Deleteबधाई और ब्लॉग एवं आपके लिए अनंत शुभकामनाएं कालीपद जी!!
ReplyDeleteआभार सुज्ञ जी !
Deleteहार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
आभार ताऊ रामपुरिया जी !
Deleteबहुत बधाई और शुभकामनायें !
ReplyDeleteआभार वाणी गीत जी
Deleteबहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteॐ साईं राम ,बहुत बहुत बधाई आपको
ReplyDeleteआभार रेखा जी !
Deletebahut bahut badhai........ aapka blog shatak ki or badhe...
ReplyDeleteआभार वीणा जी !
Deleteबधाई और हार्दिक शुभकामनायें ॐ साईं राम
ReplyDeleteआभार अजीज़ जौनपुरी जी
Deletebas isi saflta se hm sabhi ko aapki lekhni ka asheervaad milta rhe!
ReplyDeleteआभार धीरेन्द्र अस्थाना जी!
ReplyDeleteबधाई माँ सरस्वती की सेवा और आशीर्वाद बना रहे ....
ReplyDeleteॐ साईं | सबका मालिक एक
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई ब्लांग का ये सफर यू ही चलता रहे ..
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