१८ अगस्त २०१३ के पोस्ट के माध्यम से मैंने अपना ख़ुशी आपसे बांटा था कि ईश्वर की कृपा से मुझे एक पौत्र और एक दौहित्री के रूप में ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है.। यह पोस्ट ईश्वर को धन्यवाद एवं आगंतुकों के स्वागत में प्रस्तुत कर रहा हूँ.।
आभार !
क्या माँगू तुम से वरदान !
बिन माँगे ही दिया है अनूठा दान
यह आकाश ,यह बातास ,यह अँधेरा उजाला
और सदा धड़कती दिल की धड़कन।
कृपा सिन्धु हो तुम
कृपा किरण वर्षा करते हो
हम पर निश - दिन.।
किस रूप में मिलता मुझे
पता नहीं चलता मुझे कभी
किसी क्षण,किसी दिन.।
जब मन प्रसन्न होता है
फ़िजाएँ आस पास महकती हैं,
आभास होता है तुम्हारे आगमन का
आखें ढूढती है तुम्हारे दीदार का,
तुम छुपे रहते हो यहीं कहीं
छुपकर तमाशा देखते हो
हम तुम्हे ढूंढ़ पाते कि नहीं।
आँखे नहीं ढूंढ़ पाते तुम्हे
पर दिल तुम्हे ढूंढ़ लेता है
जब श्री चरणों में सर रखता हूँ
आँखें नम हो जाती हैं.।
स्वागतम
सुबह सुबह मन-मयूरी नाच रही है
सुबह की हवा सन्देश दे गई है
अनुष्का हँस हँस कर कह रही है
मानो सहस्रभानु /सविता मेरे घर आ रहा /रही है.।
प्रभात में ज्यों होता है सहस्रभानु का उदय
साँझ ढले होता है शीत- रश्मि का उदय
दश और चौदह अगस्त के शुभघड़ी में
वैसा ही हुआ मेरे घर में
कुलदीपक /कुलदीपिका का उदय।
किस नाम से बुलाएँगे ,यह तो जाने मा-बाप
प्यारे पौत्र और
प्यारी दौहित्री
दादा-दादी /नाना -नानी तुम्हे करते हैं स्वागत।
रब की इच्छा से आये तुम
रब की इच्छा से उदित इस घरमे तुम
सदा उनकी इच्छा का पालन करना तुम
लगन से रब का काम करना तुम ,
रब के काम से मुहँ न मोड़ना तुम ।
सौ वसन्त की लम्बी आयु हो,
हो ईश की कृपा किरण की वर्षा तुमपर
आशा ,विश्वास ,उमँग -तरंग भरपूर हो
अँधेरी छाया कभी न पड़े तुम पर.।
यही आशीष देते तुम्हे प्यारे
दादा -दादी /नाना- नानी तुम्हारे
ईश्वर की कृपा बनी रहे
सब इच्छा तुम्हारी पूर्ण करे।
शब्दार्थ :
अनुष्का=सूरज की पहली किरण
सहस्रभानु /सविता=सूरज
शीत- रश्मि= चन्द्रमा
कालीपद " प्रसाद "
आभार !
क्या माँगू तुम से वरदान !
बिन माँगे ही दिया है अनूठा दान
यह आकाश ,यह बातास ,यह अँधेरा उजाला
और सदा धड़कती दिल की धड़कन।
कृपा सिन्धु हो तुम
कृपा किरण वर्षा करते हो
हम पर निश - दिन.।
किस रूप में मिलता मुझे
पता नहीं चलता मुझे कभी
किसी क्षण,किसी दिन.।
जब मन प्रसन्न होता है
फ़िजाएँ आस पास महकती हैं,
आभास होता है तुम्हारे आगमन का
आखें ढूढती है तुम्हारे दीदार का,
तुम छुपे रहते हो यहीं कहीं
छुपकर तमाशा देखते हो
हम तुम्हे ढूंढ़ पाते कि नहीं।
आँखे नहीं ढूंढ़ पाते तुम्हे
पर दिल तुम्हे ढूंढ़ लेता है
जब श्री चरणों में सर रखता हूँ
आँखें नम हो जाती हैं.।
स्वागतम
सुबह सुबह मन-मयूरी नाच रही है
सुबह की हवा सन्देश दे गई है
अनुष्का हँस हँस कर कह रही है
मानो सहस्रभानु /सविता मेरे घर आ रहा /रही है.।
प्रभात में ज्यों होता है सहस्रभानु का उदय
साँझ ढले होता है शीत- रश्मि का उदय
दश और चौदह अगस्त के शुभघड़ी में
वैसा ही हुआ मेरे घर में
कुलदीपक /कुलदीपिका का उदय।
किस नाम से बुलाएँगे ,यह तो जाने मा-बाप
प्यारे पौत्र और
प्यारी दौहित्री
दादा-दादी /नाना -नानी तुम्हे करते हैं स्वागत।
रब की इच्छा से आये तुम
रब की इच्छा से उदित इस घरमे तुम
सदा उनकी इच्छा का पालन करना तुम
लगन से रब का काम करना तुम ,
रब के काम से मुहँ न मोड़ना तुम ।
सौ वसन्त की लम्बी आयु हो,
हो ईश की कृपा किरण की वर्षा तुमपर
आशा ,विश्वास ,उमँग -तरंग भरपूर हो
अँधेरी छाया कभी न पड़े तुम पर.।
यही आशीष देते तुम्हे प्यारे
दादा -दादी /नाना- नानी तुम्हारे
ईश्वर की कृपा बनी रहे
सब इच्छा तुम्हारी पूर्ण करे।
शब्दार्थ :
अनुष्का=सूरज की पहली किरण
सहस्रभानु /सविता=सूरज
शीत- रश्मि= चन्द्रमा
कालीपद " प्रसाद "
© सर्वाधिकार सुरक्षित
शुभकामनाएँ !!
ReplyDeletewah ! badhai fir say....ashirwad dene ki tarika rachna key dwara bahut khoob
ReplyDeleteहार्दिक बधाई आपको बाबा बनने के लिए |
ReplyDeleteआशा
रचनाएं बहुत ही भावुक और सुंदर, बहुत बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
स्नेह भरा स्वागत दोनों का
ReplyDeleteएक साथ दुगुनी ख़ुशी के लिए बहुत बहुत बधाई !
शुभकामनाएँ दोनों को !
दोगुनी ख़ुशी ..वाह...बहुत बड़ा आशीर्वाद इश्वर का ...बहुत शुभकामनाये...आपको !
ReplyDeleteबच्चों को अथाह स्नेह ,शुभकामनाये !
बढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteआदरणीय काली प्रसाद जी
शुभकामनायें-
Deleteसर जी मंगल कामना, मना हर्ष उल्लास |
दौहित्री सह पौत्र का, आना आये रास |
आना आये रास, हुवे खुश बाबा नाना |
ख़त्म हुआ अवकाश, व्यस्त हो गया जमाना |
खेले कूदें साथ, चले अब अपनी मर्जी-
पकड़ हाथ में हाथ, मजे से घूमो सरजी |
आदरणीय रविकर जी ! आपके काव्यमय बधाई और शुभकामनाओं के लिए आभार
Deleteखुशी से सराबोर कर गई
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें
क्या बात बधाई!
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं....
ReplyDeleteसादर
अनु
बहुत बहुत बधाई..
ReplyDeleteआपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शनिवारीय चर्चा मंच पर ।।
ReplyDeleteआदरणीय रविकर जी ! आभार
Deleteबहुत सुन्दर...हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
ReplyDeleteसुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति. कमाल का शब्द सँयोजन
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें
हार्दिक बधाई एंव शुभकामनाएं आपको बाबा बनने की।
ReplyDeleteआदरणीय रविकर जी ! आभार
ReplyDeleteआपको ढेरों शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें
ReplyDeleteएक बार फिर से ढेरों शुभकामनाएँ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें।
बहुत बहुत बधाई मेरी और से भी प्यार और स्नेह दे
ReplyDeleteहार्दिक बधाई एंव शुभकामनाएं बाबा और नाना बनाने की ....
ReplyDeleteइस शुभ समाचार के लिये आपको बहुत-बहुत बधाई तथा दोनों बच्चों को ढेर सारा आशीर्वाद एवँ शुभकामनायें !
ReplyDeleteबेहतरीन रचनावों के साथ आपको बधाई..
ReplyDeleteएक साथ दो-दो खुशियां,
आपको बहुत मुबारक हो ।
मेरी दिल से यही कामना,
खुशियों की सदा ही आवक हो ॥
बहुत ही बेहतरीन रचनाएँ...
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएँ..
:-)
बहुत बहुत बधाई और शुभकामना !!
ReplyDeleteआँगन के ये नए फूल, पल-पल सुख-सौरभ बिखरायें !
ReplyDeleteअरे वाह बहुत-बहुत बधाई हो ...
ReplyDeleteबधाई दो दो रचनाओं के लिए .धेवताई पाई पाया प्रसाद .दोनों अप्रतिम रचनाएं हैं ईश्वर की हैं दोनों .तेरा तुझको अर्पण ....क्या लागे मेरा .
ReplyDeleteआभार !
ReplyDeleteकालीपद प्रसाद
शुक्रिया आपका आपकी टिप्पणियों के लिए प्रभु का अनुकम्पा के लिए। मुबारक धेवताई।
मेरे विचार मेरी अनुभूति
आदरणीय कालीपद प्रसाद सर, आपको पुनः अनेकोनेक बधाई !
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteशब्दों की मुस्कराहट परआपका स्वागत है ..... ज़रूर आईये
बहुत अच्छी रचना .. बधाई ..
ReplyDelete.
ReplyDelete❣ईश्वर की कृपा बनी रहे !❣
तथास्तु !
आदरणीय कालीपद प्रसाद जी
बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं !
बहुत बहुत बधाई..नामकरण हो जाये तो नाम भी बताएं...
ReplyDeleteवाह ..
ReplyDeleteबधाई और चन्दा सूरज को हार्दिक आशीर्वाद..
आँखें नहीं ढूंढ पाती तुम्हे
ReplyDeleteदिल तुम्हे ढूंढ ही लेता है
जब श्री चरणों में सर रखता हूँ
आँखें नम हो जाती हैं
सुंदर ...भक्ति प्रधान भजन ..प्यारी रचना
भ्रमर ५
नन्हे खिले पुष्प के लिए ढेर साऱी शुभ कामनाएँ और बधाई आप को बाबा बनने पर
Deleteभ्रमर ५
बहुत खूब लिखा है। शुक्रिया आपकी टिपपणी का।
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