पांच हजार साल बीत गए अब
झड गए फूलों जैसे लाखों दिन ,
झड गए फूलों जैसे लाखों दिन ,
फिर भी मानकर ज्यों कल की बात
तुम्हें पूजते हैं भक्त निश-दिन।
कैसा मंत्र दिया जग को कन्हाई
ज्ञान ,कर्म ,निष्काम योग का
आजतक समझ न पाए कोई
गूढ़ ,अतिगुढ़ अर्थ उसका।
भक्त जन तो रम जाते तुम में
जपते जपते राधे कृष्ण,राधे कृष्ण
हे अवतारी ! भक्तों का मान रखने
एक बार फिर आ जाओ कृष्ण!
कलियुग में हो गया धर्म का नाश है
चहुँ ओर है अधर्म का बोल बाला
राम राम, कृष्ण कृष्ण जबान पर है
मन में जपते ढ़ोंगी, धन की माला।
विश्व के धर्म के रक्षक के भेष में
धर्म को डसते हैं छुपकर महाकृष्ण
पुन: धर्म संस्थापनार्थाय
एक बार फिर आ जाओ कृष्ण!
अत्याचारी, भ्रष्टाचारी है शासक
प्रजा पीड़ित हैं इन दो मुहें नागों से
द्वापर का दुर्योधन,शकुनि कुछ भी नहीं
उलझकर देखो कलि के मामा-भांजों से।
राज दरवार भरा पड़ा है
शकुनि,दुर्योधन,दू:शासनों से
त्रस्त हैं भारत की हर नारी
बलात्कार और चीर-हरण से।
त्राहि त्राहि हम पुकारे तुम्हे सदा
सुनो पुकार हमारी हे कृष्ण!
विनाशाय च दुष्कृताम, कलि में
एक बार फिर आ जाओ कृष्ण!
बाल कृष्ण आप सबके मनोकामना पूर्ण करे !
बाल कृष्ण आप सबके मनोकामना पूर्ण करे !
शुभ जन्माष्टमी की मंगल कामनाएँ
शब्दार्थ : महाकृष्ण=काला,जहरीला नाग
कालीपद "प्रसाद "
©सर्वाधिकार सुरक्षित
कृष्ण जन्माष्टमी पर शुभकामनाऎं !
ReplyDeleteसुंदर रचना !
Sri Krishna Janmashtami ki hardik shubhkamnayein Kalipad ji
ReplyDeleteमंगलकामनाएं!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
सच में अब तो कृष्ण को आना ही होगा
ReplyDeleteज्ञान ,कर्म और योग का मंत्र देने तो आना ही होगा ,बेहद सुन्दर रचना
ReplyDeleteआवश्यक है, आ भी जाओ,
ReplyDeleteकृष्णनीति की झलक दिखाओ।
दही हांडी की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteआदरणीय सर, बेहद सुन्दर और सार्थक रचना।
ReplyDeleteसब कुछ समाहित कर दिया आपने इस काव्य में,
बहुत ख़ूब
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर
आपको सपरिवार हार्दिक बधाई एवं शुभ कामनाएं....
सादर
आज की महती आवश्यकता है.
ReplyDeleteजन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर !!
ReplyDeleteबेहतरीन रचना हे कृष्ण हे राघव हे माधव
ReplyDeleteजन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ,,,
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना,,,
RECENT POST : पाँच( दोहे )
आज जन्माष्टमी का पावन पर्व है, भगवान श्री कृष्णा के जन्म पर लोग इस त्यौहार को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं, कान्हा अबके जन्म दिन पर 5239 साल के हो जाएंगे. कन्हाई के जन्मोत्सव को लेकर माहौल में उल्लास छाने लगा है. आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं. .Sugana Foundation-Meghlasiya
ReplyDeleteसच में ...कृष्ण एक बार फिर से आ जायो
ReplyDeleteवाह कालीपद प्रसाद जी। कितना सुन्दर सम्बोधन गीत है कृष्ण के लिए कलिकाल की विसंगतियों को दूर करने हेतु। बहुत ही सामयिक, सुन्दर गीत।
ReplyDeleteआज जन जन कृष्ण को पुकार रहा है .... बहुत सुंदर रचना ।
ReplyDeleteबहुत ही भावमय प्रस्तुति और मेरे तरफ से जन्माष्टमी की बहुत बहुत बधाई !!
ReplyDeleteकृष्ण तो हर साल आते हैं .. पर उनका दर्शन आज कोई नहीं कर पाता ... सब माया के फेर में रहते हैं ...
ReplyDeleteकृष्ण मय बड़ी सुंदर रचना , आपको हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना ! जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteअब भी न आये तो कब आएंगे कृष्ण
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना....
ReplyDeleteकृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ....
:-)
कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाओं के साथ आपनें सुन्दर प्रस्तुति दी है !!
ReplyDeleteसादर आभार !!
राम राम !!
sundar pukar....janamshtami ki dhero shubhkamnayein
ReplyDeleteबढ़िया है-
ReplyDeleteसादर नमन
जन्माष्टमी की शुभकामनायें आदरणीय-
कृष्ण तो हमसब के अन्दर हैं बस उनके जागने की देरी है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ !!
सादर !
प्रिय कालीपद जी जय श्री राधे .
ReplyDeleteप्रिय कालीपद जी जय श्री राधे .
बहुत सुन्दर प्रार्थना ...प्रभु भक्तों की टेर जल्द सुनें तो आनंद और आये .....प्यारी रचना
दु:शासन जल्द खत्म हो
हरे राम हरे कृष्ण
भ्रमर ५
भ्रमर ५
sacche dil ki pukar jarur sunege bhawan krishn ....aamin ..
ReplyDeleteसुंदर प्रार्थना..बधाई!
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति...कृष्णजन्माष्टमी की बधाई।।।
ReplyDeleteवाह अनुपम भाव संयोजन सच आज बहुत जरूरत है एक बार फिर कृष्ण की आपकी मनोकामना पूर्ण हो और एक बार फिर आजाए कृष्ण बस यही दुआ है हमारी...
ReplyDeleteअद्भुत....बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteक्या बात वाह!
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर रचना ..
ReplyDelete87913- 50257 --------MY MOB NO SR / NC POST SR
ReplyDeletevartman drishy ka sundar rekha chitr avm vyvastha pr teekha prhar .....sundar aur prabhavshali rachana ke liye sadar aabhar sir ji .
ReplyDeleteआ भी जाओ
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