Sunday, 3 July 2016

मुक्तक

इंसानी नस्ल नष्ट न हो, कोशिश होनी चाहिए
जल, जीवन, जंगल सह, एक नई धरती चाहिए
अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों की, कोशिशें रंग लायगी
अरबों ग्रह में से एक ऐसी, धरती होनी चाहिए |
© कालीपद ‘प्रसाद’

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