दिल के धड़कनों को कम करना चाहता हूँ 
आज घटित घटना को विसरना चाहता हूँ |
जीवन में घटी है कुछ घटनाएँ ऐसी 
सूखे घावों को नहीं कुतरना चाहता हूँ
|
यादों की बारातें आती है तन्हाई में 
तन्हाई दूर मैं करना चाहता हूँ |
नुकिले पत्थर हैं कदम कदम पर लेकिन 
मखमल के विस्तर में नहीं मरना चाहता
हूँ |
जिंदगी का सफ़र तो इतना भी आसान नहीं 
सदा सफ़र में धीरज धरना चाहता हूँ | 
रब के ‘प्रसाद’ से जिंदगी चलती जाए 
उनको झुककर सजदा करना चाहता हूँ |
कालीपद ‘प्रसाद’
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