हम अपनी आज़ादी का जश्न, बोलो अब कैसे मनाएँ 
अमर शहीदों के बलिदान की, गाथा किसको सुनाएँ ?
भूखे रहे, गोली खाए वे, लड़ते लड़ते सब शहीद हुए 
मजबूत आंग्ल डंडा भी, हौसला वीरों को  तोड़ न पाये |
गोरे अंग्रेज तो चले गए, काले अंग्रेज को कौन भगाएँ 
हम अपनी...
जालियाँवाला बाग़ को देखा, देखा नोआखाली के दंगे
साजिश थी सब विदेशी राज की, जात के थे वे फिरंगे
दलित-मुस्लिम पर क्रूरता कर, चरम पंथी कैसे इतराएँ
हम अपनी ...
हर चौथा आदमी भूखा है, करोडपति संसद में बैठे है 
हर चौथा सांसद पर, भ्रष्टाचार का संगीन आरोप है 
निराशा में डूबे देश है , आशा की ज्योति कौन जलाएँ 
हम अपनी ...
हर पार्टी है निजी कम्पनी, अध्यक्ष का है मालिकाना हक़ 
कभी बाप, कभी बेटा, बीबी कभी, खानदान है अधिग्राहक
कम्पनी संभाले या देश संभाले, कौन इनको बतलाएँ 
हम अपनी ....
हमारा देश अव्वल है, विश्व के सब देशों की सूचि में
किन्तु खेद है, अव्वल है यह, भ्रष्ट देशों की सूचि में 
खेल ना जाने खेल के अध्यक्ष, मशाल कैसे जलाएँ 
हम अपनी ...
गरीब को नहीं भरपेट भोजन, सड़ता है सब खाद्यान्न 
करोड़ों टन की होती बर्बादी, है यह अकुशल प्रबंधन 
भूख और कुपोषण के शिकार, किसके आगे गिढ़गिढ़ायें 
हम अपनी ...
© कालीपद ‘प्रसाद’
 
 
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति अमर क्रान्तिकारी मदनलाल ढींगरा जी की १०७ वीं पुण्यतिथि और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।
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