Friday, 5 May 2017

लावणी छंद पर आधारित

छोड़ गए क्यों बालम मुझको, राह कौन अब दिखलाए
बच्चे हैं सब छोटे छोटे, उनको कैसे समझाए ?

कौन निर्दयी धोखा देकर, मेरे सिंदूर छिन लिया
पापा पापा चिल्लाये जब, बच्चों को क्या बतलाये ?

स्वदेश की रक्षा की खातिर, तैनात हुए सरहद पर
उनसे ऐसा बर्बरता क्यों, रहनुमा हमें समझाए |

होते गर मंत्री के रिश्ते, निंदा करके चुप होते ?
तब क्या होता जानते सभी, हमसे सच को न छुपाए |

“बलिदान न बेकार जायगा”, ये वादा है न तुम्हारा?
भारती की  आँसू पोंछने, बदला लेकर दिखलाए | 

कालीपद 'प्रसाद'

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