छोड़ गए क्यों बालम मुझको, राह कौन अब दिखलाए
बच्चे हैं सब छोटे छोटे, उनको कैसे समझाए ?
कौन निर्दयी धोखा देकर, मेरे सिंदूर छिन लिया
पापा पापा चिल्लाये जब, बच्चों को क्या बतलाये ?
स्वदेश की रक्षा की खातिर, तैनात हुए सरहद पर
उनसे ऐसा बर्बरता क्यों, रहनुमा हमें समझाए |
होते गर मंत्री के रिश्ते, निंदा करके चुप होते ?
तब क्या होता जानते सभी, हमसे सच को न छुपाए |
“बलिदान न बेकार जायगा”, ये वादा है न तुम्हारा?
भारती की आँसू पोंछने, बदला
लेकर दिखलाए |
कालीपद 'प्रसाद'
No comments:
Post a Comment