पिछले एक़ महीने से नियमित रूप से ब्लॉग पर आ नहीं पा रहा हूँ ,कुछ लिख भी नहीं पा रहा हूँ l परन्तु आज का दिन खास है ! जीवन साथी का जन्म दिन है l कुछ नया लिखने का समय नहीं मिला l अतीत में लिखे कुछ पंक्तिया पेश करता हूँ l
जीवन के मरुस्थल में प्रिये तुम ही प्याऊ हो ,
जीवन भर का साथ |
जीवन के मरुस्थल में प्रिये तुम ही प्याऊ हो ,
नीरस जिंदगी में तुम मधुमय रस हो,
टूटते लय की जिंदगी में तुम जीवन संगीत हो
महक हीन मेरी जिंदगी में मधुर महक हो l
महक हीन मेरी जिंदगी में मधुर महक हो l
तुम्हारा मधुर मुस्कान निराशा में आशा है
रसीला स्वर तुम्हारा मृतसंजीवनी है
वायु है ,जल है प्रिये,, है खुशबु तुम्हारातभी तो तुम्हारे होने का मुझे एहसास है.
सावन की बौछारें ,वसन्त की हवाएं लेकर खुशबु तुम्हारा
हौले हौले तन को भीगाकर, मन को महका जाता है !
हौले हौले तन को भीगाकर, मन को महका जाता है !
मेरे बेचैन मन की चैन तुम हो,सुप्त अचेतन मन की चेतना हो ,
अविरल स्पंदित मेरे दिल का तुम स्पंदन हो,
क्या कहूँ शब्दों में , एहसास करो, कि तुम मेरे क्या हो ?
रचना : कालिपद "प्रसाद "
© All rights reserved (सर्वाधिकार सुरक्षित)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (16-02-2014) को वही वो हैं वही हम हैं...रविवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1525 में "अद्यतन लिंक" पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बहुत आभार शास्त्री जी !
Deleteवाह ! बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteसादर आभार
Deleteआदरेया जी के जन्म दिन की हार्दिक बधाइयाँ।
ReplyDeleteआपका आभार राजेंद्र जी !
Deleteसुन्दर प्रेमाभिव्यक्ति.
ReplyDeleteआपका आभार नीरज जी !
Delete'तुम और मैं ' दोनों ऐसे ही साथ निभाते आनन्द पूर्ण-दीर्घ जीवन यात्रा के सहयात्री बने रहें !
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार प्रतिभा जी !
Deleteबहुत सुन्दर प्रेम से सराबोर पंक्तियाँ
ReplyDeleteआपका आभार अभिषेक जी !
Deletewah bahut sundar prem mey pagi panktiyan
ReplyDeleteआपका आभार रेवा जी !
Deleteबहुत सुंदर.
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएँ !
आपका आभार राजीव जी!
Deleteआप दोनों को सुखमय जीवन की बधाई और शुभकामनायें।
ReplyDeleteबधाई और शुभकामनाओं के लिए आभार प्रवीण जी !
Delete
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन दादासाहब की ७० वीं पुण्यतिथि - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आपका आभार !
Deleteमुश्किल होता है कुछ रिश्तों को बयाँ कर पाना ... सुन्दर भावमय रचना ...
ReplyDeleteसच कहा आपने ,रिश्तों को बयां करना मुश्किल है ! आभार आपका !
Deleteजीवन में आपको मिले, पग-पग ख़ुशी अपार !
ReplyDeleteयही कामना करते हे हम ईश्वर से हर बार!!
जन्म दिवस मुबारक हो !
डॉ. सारिका मुकेश
आपकी हार्दिक शुभकामनाओं के लिए बहुत बहुत आभार सारिका मुकेश जी !
Deleteसुन्दर अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई....
:-)
आपका आभार रीना जी !
Deletebadhai ......
ReplyDeleteआपका आभार !
Deleteबहुत सुन्फर अभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .
ReplyDeleteआपका आभार !
Deleteमन के भावो की बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। प्रभु से आप दोनों के मंगलमय जीवन की कामना।
ReplyDeleteआपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार भगीरथ जी
Deleteसुन्दर उदगार .... आपकी प्रिया को जन्मदिन की बधाई और शुभकामनाएं
ReplyDeleteआपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार संगीता स्वरुप जी !
Deleteभाभी जी को बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteआपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार विभारानी जी !
Deleteभाभी जी को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें .....
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना.
ReplyDeleteआपका आभार !
Deleteभई वाह !!
ReplyDeleteआपका आभार !
Deleteबधाईयाँ :)
ReplyDeleteआभार आपका
Delete+वाह! माधुर्य के साथ ही कुछ नए प्रतीक भी हैं !
ReplyDeleteआपका आभार
Deleteबढ़िया रचना-
ReplyDeleteआभार आदरणीय-
पधारने के लिए हार्दिक आभार
Deleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण
ReplyDeleteजन्मदिन की बधाई व हार्दिक शुभकामनाएँ !
सादर !
आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार शिवनाथ जी
Deleteजन्मदिन पर बड़ा ही खूबसूरत उपहार कविता के रूप में दिया है.उन्हें हमारी भी शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteआपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार अल्पना जी !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर विचार है शुभकामनायें. हमारे ब्लॉग पे भी कृपया पधारे !!!
ReplyDeletehttp://kuchankahisibaat.blogspot.in
बहुत सुन्दर विचार है शुभकामनायें. हमारे ब्लॉग पे भी कृपया पधारे !!!
ReplyDeletehttp://kuchankahisibaat.blogspot.in
sneh se bhari sunder rachna, janamdin to nikal gaya fir bhi shubhkmanyen to de hi sakte hain :)
ReplyDeleteshubhkamnayen