हमने जब वादा किया
तो मुस्कुरा देने लगे
दोस्ती में वो मुझे
इक तोहफा देने लगे |
इस जमाने के दिए
झटके सभी हमने सहा
जख्म जो तुमने दिया था,
बेदना देने लगे |
कार बस के काफिले से
ध्वस्त यातायात जब
बंद रस्ते खोल रक्षी
रास्ता देने लगे |
हादसा के पीडितों ने
तो गँवाया जान खुद
फायदा क्या प्रतिकरण
जो दूगुना देने लगे |
शत्रु है दिनमान
सबके, जुगनू हो या चिराग
शुर्मयी निशि को
चिरागें जगमगा देने लगे |
दोस्ती अच्छी अगर है
तो ज़माना आपका
मैं हुआ बेचैन यारा
हौसला देने लगे |
कालीपद ‘प्रसाद’
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "प्रथम भारतीय अंतरिक्ष यात्री - राकेश शर्मा - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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