Saturday, 2 February 2013

बिल पास हो गया

चित्र गूगल साभार



कानून मंत्री ने ,अपने केबिन में
बैठक बुलाया है,
सभी पार्टी के सरदारों को
न्योता भेजा  है।
सम्बोधन में मंत्री जी ने
पहले सबको यूँ आगाह किया है ,
"यह संसद होंल नहीं ,
मेरा केबिन  है।
यहाँ विरोध के लिए ही , विरोध  नहीं करना 
और यहाँ की कोई बात जनता को नहीं बताना ।
आपकी और हमारी  फैयदे की  बात है
इसलिए इसे पूर्ण रूप से गुप्त रखना।

बात यह है कि ..........
जनता माँग कर रही है
"भ्रष्टाचार ,अत्याचार ,बलात्कार बंद कराओ
इसके विरुद्ध कड़ा कानून बनाओ,
बलात्कारी को फाँसी दो ,
भ्रष्टाचारी  ,अत्याचारी  को जेल भिजवाओ  "

हमने सोच समझकर कदम उठाए हैं
बलात्कार के लिए आयोग नियुक्त किया है
 रिपोर्ट आने पर कड़ी कार्यवाही होगी
ऐसा  आश्वासन देकर मामला को टाल दिया है।
अत्याचार हम करते नहीं ,
भ्रष्टाचार विरुद्ध कानून में
सोच समझकर पेंच डाल दिया है।
जरा  ठन्डे दिमाग से सोचो
तुम्हारे घर में कितनी है सफ़ेद कमाई
और कितनी है काली कमाई ?
गर "जन लोकपाल "पास हो गया .......
जानते हो क्या होगा ?
सबने एक साथ पूछा ,"क्या होगा ......?
मंत्री जी बोले ...........
"तुम्हारी काली कमाई जाएगी सरकारी खजाने में
और तुम मेहमान बनोगे ,तिहाड़ जेल में।"
"नहीं .......नहीं .......नहीं .........कुछ करो
हम पर  कृपा करो " बोले सब  सरदार ,
मंत्री जी बोले ...
"तुम्हे  घबराने की कुछ नहीं दरकार।
हम पर तुम भरोषा करो
हमने जो बिल पेश किया है ,उसे पास करो।
हमने उसमें  ऐसा पेंच डाला है ,
शिकायत करने वालों  पर
मुकदमा चलने का प्रवधान रखा है।
सभी मंत्री ,सांसद को मिलेगी सरकारी वकील
शिकायत करने वाले के सीने में ठुकेगी कील।
संसद में बहस के समय तुम कुछ भी बोलो
पर व्होटिंग के समय बिल के पक्ष में व्होट डालो।
बिल पास हो जाने दो ,फिर देखो
तुम्हारे ,हमारे ,सबके  विरुद्ध
शिकायत करने वाले को चुन -चुनकर
जेल के  अन्दर देखो।"

सबने अपने अपने गर्दन पाया फंदे में
डरकर आगये मंत्री जी के झांसे में
लोकसभा में मिलकर डाले व्होट पक्ष में
सरकारी बिल पास होगया एक झटके में।

कैमरा  के आगे बुरा भला कहते रहे  विपक्ष को
केबिन में जाकर ,हाथ मिलाकर  ,गले मिलकर 
बधाई देते रहे एक दुसरे को ,
भोली  भाली जनता हमेशा अनभिज्ञ है ,
 कभी न जान पाए,
हमारे नेताओं के चल,चलन,चरित्र को।


कालीपद "प्रसाद "
सर्वाधिकार सुरक्षित
























30 comments:

  1. कटु यथार्थ बयान करती सशक्त प्रस्तुति ! शानदार रचना !

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  2. बहुत सही और सटीक.रचना..

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  3. बहुत ही सार्थक अभिव्यक्ति।

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  4. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवार के चर्चा मंच पर ।।

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  5. तल्ख़ सच्चाई को वयां करती सटीक प्रस्तुति

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  6. हकीकत यही है राजनीतिक धंधे बाजों की .

    हकीकत यही है राजनीतिक धंधे बाजों की .

    Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947
    असली उल्लू कौन ? http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/02/blog-post_5036.html …
    Expand

    Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947
    ram ram bhai मुखपृष्ठ शनिवार, 2 फरवरी 2013 Mystery of owls spinning their heads all the way around revealed http://veerubhai1947.blogspot.in/
    Expand Reply Delete Favorite More

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  7. सब कुछ जनता जान गई ,इनके कर्म उजागर है
    चुल्लू भर जनता के हिस्से,इनके हिस्से सागर है,
    छल का सूरज डूबेगा , नई रौशनी आयेगी
    अंधियारे बाटें है तुमने, जनता सबक सिखायेगी,,,,,,

    RECENT POST शहीदों की याद में,

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  8. कटु सत्य कहती बहुत ही सटीक अभिव्यक्ति....

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  9. सटीक, प्रभावी अभिव्यक्ति

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  10. ये अन्दर की बातें हैं पर जनता भी इतनी भोली नहीं है ये पब्लिक है सब जानती है ,बहुत सार्थक प्रस्तुति

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  11. बड़ी सधी हुयी बात की है..

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  12. आज तो जनता भी येहकीकत जान गयी है।

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  13. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....

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  14. एकदम सही कहा आपने
    अब आमजन को इन नेताओं की सच्चाई
    मालूम होचली है सब समझती है जनता
    सार्थक अभिव्यक्ति

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  15. कडुवे सच को वाजिब शब्द दिए हैं ...
    ये नहीं सुदरने वाले ...

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  16. sach mey aaj ka kadva satya yahin hain.....hamare peeth par khanjar bhokte hain hain ye

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  17. सटीक कटाक्ष. पक्ष हों या विपक्ष, सबके अपने अपने दांव... अच्छी रचना, बधाई.

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  18. Nice!
    http://voice-brijesh.blogspot.com

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  19. तीखा सटीक व्यंग्य
    सादर !

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  20. Aak ki halato par Steek vyang... bhai..
    http://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post.html

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  21. बहुत हुआ नारा जनता के भोलेपन का
    इतने भी भोले नहीं हम,वरना
    था किसमें साहस फिर-फिर छलने का!

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  22. हकीकत से रू-ब-रू कराती आपकी यह अभिव्‍यक्ति
    आभार

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  23. ...इस व्यंग्य द्वारा आपने कितना बड़ा पर्दाफाश किया है!...आभार!

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  24. Very nice poetry.

    http://sarikkhan.blogspot.in/

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  25. देवी सिद्धिदात्री माता -दिवस की वधाई !
    अच्छा और सटीक व्यंग्य है !

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