चित्र गूगल से साभार |
आई होली का त्यौहार झूमे मस्ती में ग्वालबाल
उड़े हवा में गुलाल।
होली मस्ती का त्यौहार है रंगों का बहार
नीले ,पीले ,हरे और लाल।
मन में भरा उमंग तरंग नाचे सब संग संग
जोरसे बोले जय कन्हैया लाल।
गोप नाचे गोपी नाचे गाँव के बाल वृद्ध नाचे
नन्द नाचे और नाचे नन्दलाल।
ढोल बाजे मृदंग बाजे बाजे खोल करतल
झूम उठे वृदावन ,सब है बेहाल।
कोई मारे पिचकारी कोई मले गुलाल
रंग में डूबे ऐसा लगे, सब है नंदलाल।
नटखट है यशोदा लाल मले फ़ाग गोपियों के गाल
गोपियाँ ना पकड़ पाय कभी, हरि।
भर भर कर पिचकारी मारे गोपियाँ, मारे मुरारी
भीगे सब साथ साथ, नहीं गोपियाँ एकाकी।
तन भीगे मन भीगे भीगे चुनरी और चोली
गोपियां भी मजे लेकर करती हरि से ठिठोली।
राधारानी है खड़ी अकेली हाथ में लिए मोहन की मुरली
आँख में लिए सूरज का अंगार।
देखे कृष्ण को बार बार नटखट कृष्ण जाने संसार
कनखियों से देखे राई को मुस्कुराकर।
गुस्से में राई तिलमिलाकर खड़ी हो गई मुहँ मुड़कर
लेकर गुलाबी गाल।
चतुर छैला कृष्ण कन्हैया पीछे से आकर
मल दिया गाल पर गुलाल।
मारी पिचकारी भीगी राधा रानी
डाले रंग ,राधे पर ,गोप गोपी।
राधे का अभिमान कृष्ण किया भंग
मन का अंगार हुआ शांत।
होली का त्यौहार त्याग मन का हलाहल
नाचे गोप गोपी राधाकृष्ण संग।
झूले में बैठा कर करे पुष्प-वर्षा राधाकृष्ण पर
हर्षाये सब मन ही मन।
झुलाये गोप गोपी झूले राधा रानी
लेकर संग देवकी नन्दन।
रचना : कालीपद "प्रसाद"
©सर्वाधिकार सुरक्षित
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति,आभार.
ReplyDeleteफगुआ रंग... कृष्ण संग राधा और गोपियों की टोली... अहा बहुत खूबसूरत छटा. सुन्दर और भावप्रवण रचना के लिए बधाई.
ReplyDeleteरंग जम रहा है होली का-
ReplyDeleteशुभकामनायें आदरणीय-
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ReplyDeleteधन्यवाद
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वाह अपने तो अलग अलग रब्गों में ब्लॉग रचना को सजा के होली का एहसास दिला दिया ...
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना ... होली का उलास लिए ...
अहा, बहुत सुन्दर प्रवाह..
ReplyDeleteहोली आई रे कन्हाई रंग बरसे भिजा दे मुझे सांवरे |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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वाह बहुत सुंदर ....
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeletebahut badhiya.......
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteबधाई
VICHARON KA SUNDAR PRAVAH ,AAGT KA MADHUR SANKET,
ReplyDeletekalipad ji bahut hi sundar holi ka chitran..padhte padhte jaise poora drishya hi aankho ke saamne prateet hua ...kyuki mera bhi krishna se vishesh lagaav hai to mera to padhte padhet hi gaane ka man ho aaya aapka ye holi geet ...bahut sundar aur utsaah bharti prastuti ... aur aap mera bhajan nahi sun paaye iske liye maafi chahti hun kintu baaki sabhi log sun paa rahe hain waha krishna ki tasveer ke upar jo widget laga hai usmei play ke button par clik karna hai ek bar koshish karke dekhiye
ReplyDeleteमेरा लिखा एवं गाया हुआ पहला भजन ..आपकी प्रतिक्रिया चाहती हूँ ब्लॉग पर आपका स्वागत है
Os ki boond: गिरधर से पयोधर...
bahut sundar...laga jaise main vrindawan ki holi dekh rahi hun...
ReplyDeleteआहा ! तन मन रंग गया हमारा भी
ReplyDeleteअनुपम भावों का संगम ...
ReplyDeleteब्लॉग पर आने एवं अमूल्य टिप्पणी देने केलिए आप सबको धन्यवाद और होली की अग्रिम शुभ कामनाएं !
ReplyDeletewah ji wah! sara watavaran krishnmay ho gaya. Holi kii subhkamnayen.
ReplyDeleteneeraj'neer'
KAVYA SUDHA (काव्य सुधा)
होली के पहले ही आपने होली की धूम मचा दी,,,,,बहुत बढ़िया ,,,होली गीत,,,
ReplyDeleteRecent post: रंग,
मंगलवार 26/03/2013 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं .... !!
ReplyDeleteआपके सुझावों का स्वागत है .... !!
धन्यवाद .... !!
धन्यवाद !आदरणीय विभारानी जी !
Deleteइस पोस्ट पर पहले भी टिपण्णी की थी .शुक्रिया आपकी सद्य टिप्पणियों का .
ReplyDeleteWaah....Lovely creation !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और रोचक...
ReplyDeletewah kya baat hai ..
ReplyDeleteholi.................by ..................jindgee
ReplyDeleteholi ka maza....holi ke pehle ap hi dila sakte hain....
ReplyDeleteलाजवाब रचना...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteभावों का अनुपम संगम बधाई
ReplyDeleteहोली के रंगों से वो भी कान्हा की होली के रंगों से आपने सराबोर कर दिया। जय हो! बधाई स्वीकारें!
ReplyDeleteहोली की शुभकामनायें!
Nice information
ReplyDeletehtts://www.khabrinews86.com