Saturday, 9 March 2013

महाशिव रात्रि


                                                          ॐ नम : शिवाय 
महाशिव रात्रि में शिवजी की पूजा न केवल भारत में  वरन पूरा विश्व में होती है , जहाँ हिन्दू है।  शिव जी के  बारे में भिन्न भिन्न बिचार पढने को मिलता है।  कोई कहते है देवादि देव महादेव है। यही हैं  सब देवतावों में श्रेष्ट ।इन्ही के आदेश से ब्रह्मा जी  सृष्टि की रचना करते हैं।विष्णु भगवान  उस रचना का देखभाल करते है। शिव जी  के इच्छा  से पुरानी ,अनोपयोगी रचनाएँ विनाश को प्राप्त होता है और  नई  सृष्टि होती है। शिव जी की पूजा शिवलिंग के रूप में किया जाता है। जिसे हम शिव लिंग कहते है ,वह् केवल शिव लिंग  नहीं वह तो संगम है शिव और पार्वती लिंगो का ,प्रतीक है नई सृष्टि का। इसलिए शिव संहारक नहीं सिरजनहार है। .
चित्र गूगल से साभार 


ईश्वर कौन हैं ? कहाँ हैं ? कैसा सुन्दर रूप है ?
इंसान में हमेशा इन्हें जानने का कौतुहल है ।
कोई कहता ईश्वर है आत्मा ,वही है परमात्मा,
मन है उसका मंदिर,मस्जिद,वही है गुरुद्वारा।
मन जब प्रसन्न होता है ,घर आँगन महकने लगते हैं,
धरती ही स्वर्ग , धरती ही गोलकधाम  लगने लगते हैं।
कपोल कल्पित रमणीय स्वर्ग किसी ने ना  देखा ,
धरती का कैलाश ,मानसरोवर ,वैतरणी गंगा देखा।
मानो तो स्वर्ग यही है ,नरक यहीं है ,यहीं हैं भगवान
तन मन से निरोगी स्वर्ग भोगते ,नरक का कष्ट लालची इंसान।
प्रकृति पोषण करती जग को, बनकर शस्य श्यामला धरती
रहस्यमय ,विकराल रूप इसका ,जब वह प्रलयंकारी होती।
प्रकृति ही सृष्टिकर्ता  है, वही है  विष्णु पालनहार  ,
सडा ,बिगड़ा ,बेकार सृष्टि को शिव  करते है संहार।
प्रकृति ही ब्रह्मा  ,प्रकृति ही विष्णु , प्रकृति ही हरिहर
एक ही ईश्वर तीन  रुप में ,रचते,पालते ,करते है संहार।
ना शिव , ना लिंग ,यह लिंग संगम है शिव-पार्वती का
यह प्रतीक है, यह श्री गणेश है ,नई नई सृष्टि का।
तैंतीस कोटि देव देवी हैं ऐसा मानते है सारे संसार .
एक ही शिव है द्वीतीय नास्ति जग के सिरजनहार।


 रचना : कालीपद "प्रसाद'\
            सर्वाधिकार सुरक्षित 




27 comments:

  1. वाह --
    शिव संहारक नहीं सृजनहार हैं-
    शुभकामनायें आदरणीय-

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    1. हर-हर बम-बम, बम-बम धम-धम |
      तड-पत हम-हम, हर पल नम-नम ||

      अकसर गम-गम, थम-थम, अब थम |
      शठ-शम शठ-शम, व्यरथम-व्यरथम ||

      दम-ख़म, बम-बम, चट-पट हट तम |
      तन तन हर-दम *समदन सम-सम ||
      *युद्ध


      *करवर पर हम, समरथ सक्षम |
      अनरथ कर कम, झट-पट भर दम ||
      *विपत्ति

      भकभक जल यम, मरदन मरहम |
      हर-हर बम-बम, हर-हर बम-बम ||

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    2. बम बम भोले ,जय शिव शंकर !!!

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  2. ओम नमः शिवाय,बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.शिव जी सबका कल्याण करें.

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  3. बहुत सुन्दर शिवमय रचना... महाशिवरात्रि की शुभकामनायें....

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  4. बहुत सुन्दर ...वाकई शिव स्रजनकर्ता ही हैं .....महाशिवरात्रि की अशेष शुभकामनाएं ....!!!

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  6. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (10-03-2013) के चर्चा मंच 1179 पर भी होगी. सूचनार्थ

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  7. अरुण शर्मा अनंत जी! आभार !!

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  8. बहुत सुन्दर भक्तिमय प्रस्तुति...जय भोले नाथ...

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  9. महाशिवरात्रि की अग्रिम शुभकामनायें..

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  10. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ...!

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  11. महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं!!

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  12. ॐ नम : शिवाय महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ

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  13. बहुत सुन्दर रचना... महाशिवरात्रि की शुभकामनायें

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  14. महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ.

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  15. बहुत सुंदर ........महाशिवरात्रि की मंगल कामनाए

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  16. कालीपद जी, बहुत बहुत शुभकामनाएँ महाशिवरात्रि के अवसर पर..सुंदर प्रस्तुति !

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  17. बहुत सुन्दर रचना...
    बेहतरीन.....

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  18. सुन्दर प्रस्तुति भाई साहब .

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  19. एक ही शिव है द्वीतीय नास्ति जग के सिरजनहार
    बहुत सुंदर शिव की महिमा को दर्शाया है आपने
    महा शिवरात्रि की शुभकामनायें

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  20. बहुत सुंदर कविता ....भोले बाबा को नमन

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  21. जय भोले बाबा ... डमरू वाले की जय ...
    लाजवाब शिव-स्तुति ....

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  22. सुन्दर प्रस्तुति। महाशिवरात्रि की शुभकामनायें।

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  23. सुंदर भक्तिमय रचना महोदय.....
    शुभकामनाएं .......

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