Saturday, 20 December 2014

पेशावर का काण्ड







कायर डायर चलवाया था गोली जालियावाला बाग़ में
जहाँ आये थे आज़ादी के दीवाने,आज़ादी को हासिल करने !

तालिवानी डायर ने चलवाया गोली पेशावर के स्कूल में
फूलों जैसे कोमल बच्चे जब मगन थे खुदा के इबादत में |

विद्या मंदिर पेशावर को ,दरिंदों ने बना दिया बध-स्थान
क्रूरता से बना दिया उसे ,उन मासूमों का कब्र-स्थान  |

बच्चे होते हैं भगवान का रूप,कहते हैं गीता,बाइबिल,कुरआन
उनको मारनेवाला नहीं हो सकते, कभी इस जग का इंसान |

गर वीर होते वे ,लड़ते जंग में आकर वीरों से आमने सामने
मासूमों पर गोली चलाकर ,कायरता का सबुत दिया है सब ने |

निष्पाप निरपराधी अजातशत्रु ,शत्रुता से बेखर थे वे सब बच्चे
उन्हें मारकर आतंकियों ने ,इंसानियत के भाल पर लगाये धब्बे |

बुझ गए दीये शैशव में ,डूब गए अचानक प्रभात के तारे जैसे
खाली हो गयी माँ की गोद ,छलकती अश्कों को अब रोके कैसे ?

‘पाक’ ने पाला था सांप आस्तीन में, भारत को डसने के लिए
वही साँप ने डस लिया उसे,वक्त है अब केवल पछताने के लिए |


कालीपद "प्रसाद"
सर्वाधिकार सुरक्षित  

15 comments:

  1. कल 21/दिसंबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  2. आपका आभार डॉ रूपचंद्र शास्त्री जी

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  3. http://ranjanabhatia.blogspot.in/

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  4. सार्थक रचना

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  5. जो दूसरों के लिए गड्ढे खोदता है उसी गड्ढे में खुद गिर जाता है...बेहद अफसोसनाक वहशियाना हरकत...

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  6. बेहद दुखद घटना......

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  7. अफसोस जनक। अब तो सुधर जायें।

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  8. मानवता यकीनन मरी होगी १६ तारीख को ...

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  9. behad sharmnaak ghatna thi...shayad is ghatna par har aankh se aansoo gire honge...achcha likha hai aapne

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  10. बेहद शर्मनाक घटना....

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  11. काश, इन आतंकियों को पता होता की वे क्या कर रहे है!! सुंदर रचना...

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  12. सुन्दर सटीक रचना |सत्य को उजागर करती |

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